दावोस के बाद अब पीएम मोदी आसियान का दिल जीतने जा रहे हैं. दिल्ली में एक कार्यक्रम में आसियान देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष जुट रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आसियान के दस देशों के ये सभी राष्ट्राध्यक्ष इस बार गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे. जानें क्या है आसियान...
8 अगस्त 1967 को इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने साथ मिलकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह यानी आसियान का गठन किया था. फिर पांच और देश इससे जुड़े. अब तक आसियान के 31 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं. इसके सदस्य देशों में ब्रुनेई, म्यांमार, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, विएतनाम शामिल हैं.
10 सदस्यों वाली इस संस्था का मुख्य मकसद दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में
अर्थव्यवस्था, राजनीति, सुरक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना
था.
आसियान का दायरा 44 लाख स्क्वायर किमी में फैला है, जो क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया की 3 फीसदी एरिया कवर करता है. इस संगठन में 63 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है.
भारत और आसियान को मिलाकर देखा जाए तो दोनों क्षेत्रों में 180 करोड़ की आबादी रहती है. संयुक्त रुप से जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाती है.
यह सही है कि आसियान विकासशील देशों का गुट है, लेकिन आज गैर-सदस्य देश जैसे अमेरिका, चीन और जापान इसमें खासी रुचि रखते हैं. वहीं भारत भी लगातार बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश में जुटा है.