scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 1/15
एक वक्त ऐसा था जब अकूत तेल भंडारों से संपन्न पड़ोसी दुश्मन देशों के बीच इजरायल दशकों तक ऊर्जा संसाधनों की कमी से जूझता रहा. अब इजरायल की समस्या बिल्कुल उल्टी हो गई है. पिछले एक दशक में इजरायल ने अपने समुद्री तटों से इतने तेल भंडार खोज निकाले कि अब उसे यही नहीं समझ में आ रहा है कि वह इस तेल भंडार का करे क्या.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 2/15
इजरायल के पास अपनी जरूरत से ज्यादा और निर्यात करने के बाद भी प्राकृतिक गैस का काफी भंडार बच जाता है लेकिन वह उसकी खपत नहीं कर पा रहा है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 3/15
अकूत प्राकृतिक गैस होना वैसे तो किसी देश के लिए बोझ नहीं है क्योंकि इससे लंबे समय तक ऊर्जा जरूरतें पूरी करने का विकल्प मौजूद होता है. हालांकि, पड़ोसी देशों और यूरोप के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश में जुटे इजरायल के लिए यह एक चुनौती बन चुकी है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Advertisement
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 4/15
गैस भंडार के इस्तेमाल ना हो पाने की समस्या में वक्त की भी बड़ी भूमिका है. जब इजरायल बड़े स्तर पर गैस का उत्पादन और निर्यात करने की तैयारी कर रहा है तो यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कतर और रूस बाजार में सस्ती कीमतों पर गैस उपलब्ध करा रहे हैं. दूसरी वजह गणित भी है- इजरायल की 85 लाख की आबादी कुल गैस ऊर्जा का 1 फीसदी से भी कम हिस्सा इस्तेमाल करती है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 5/15
ऊर्जा मंत्री युवल स्टेनटिज ने एक इंटरव्यू में कहा था, हम गैस का सरप्लस उत्पादन कर रहे हैं. इजरायल के पानी में गैस तैर रही है और यह अभी शुरुआत भर है.

1999 में इजरायल में पहले गैस भंडार की खोज करने वाली हाउस्टन आधारित कंपनी नोबल एनर्जी ने पिछले एक दशक में देश के समुद्री तट से करीब 30 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस निकाली है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि नई खोजों के बाद यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 6/15
नतीजतन, इजरायल डीजल और कोयला आधारित बिजली को गैस चालित ऊर्जा में तब्दील करने पर विचार कर रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट गैसोलिन और डीजल कारों पर बैन लगाने और सीएनजी गैस या बिजली चालित वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की तरफ भी आगे बढ़ेगी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 7/15
चाहकर भी निर्यात नहीं कर पा रहा इजरायल
इजरायल जॉर्डन और मिस्त्र जैसे पड़ोसी देशों को गैस निर्यात करने की योजना भी बना रहा है. इजरायल फिलिस्तीनी ग्राहकों को भी पावर प्लांट के जरिए गैस उपलब्ध कराने के बारे में विचार कर रहा है.

हालांकि, इन सारी कोशिशों के बावजूद देश के गैस भंडार में नाम मात्र की ही कमी आएगी.

इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष जैकोब नैगेल ने न्यू यॉर्क टाइम्स से बताया, हम निर्यात करना चाहते हैं. लेकिन सवाल यह है कि इसकी लागत कितनी आएगी? क्या यह संभव है? और इसमें कितना वक्त लग जाएगा?

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 8/15
कोयले का इस्तेमाल बंद
दशकों तक इजरायल ईंधन जरूरतों के लिए रूस व अन्य देशों पर निर्भर रहा है. यहां के उद्योग और लोग कोयले-तेल आधारित पावर प्लांट पर इतने ज्यादा निर्भर हो गए थे कि कई शहर काली धुंध से भर गए. अब गैस का विकल्प अपनाने से तेल अवीव और हफीफा जैसे शहरों की हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई है.

इजरायल के सबसे बड़े कोयला प्लांट को अगले तीन वर्षों में गैस आधारित प्लांट में बदलने की योजना है जिससे राष्ट्रीय कोयला खपत में 30 फीसदी की गिरावट आ जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि वे 11 सालों में कोयले के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद कर देंगे.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 9/15
इजरायली अधिकारियों का मानना है कि गैस के विकल्प को सौर ऊर्जा से चुनौती मिल सकती है. लेकिन उनका तर्क है कि गैस आधारित पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति से बिजली चालित वाहनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और उससे प्रदूषण में कमी आएगी.

इजरायल इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष ओफर बलोच ने कहा, इलेक्ट्रिक कारें इलेक्ट्रिसिटी के लिए एक बड़ा बाजार है और आखिर में यह गैस के लिए बड़ा बाजार बनेगा.

इजरायल सरकार का कहना है कि वह पेरिस जलवायु समझौते के लिए प्रतिबद्ध है और अगले वर्ष तक नवीकरणीय स्रोतों से 10 फीसदी बिजली उत्पादन करने के करीब पहुंच गई है.  हालांकि, पर्यावरणविदों का मानना है कि इजरायल इससे भी बेहतर कर सकता है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Advertisement
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 10/15
इस साल के अंत तक इजरायल के लेवेथन फील्ड को मेनलैंड से पाइपलाइन के जरिए जोड़ा जाएगा और इससे परिवहन में गैस का इस्तेमाल बढ़ेगा जो फिलहाल नगण्य के बराबर है. हैफा में 15 कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां सीएनजी से दौड़ रही हैं. इसके अलावा, इजरायल ने चीन से ऐसी ही 59 बसें आयात की हैं.

लेकिन इजरायल का औद्योगिक क्षेत्र बहुत छोटा है और हल्की सर्दी की वजह से लोगों द्वारा गैस आधारित ऊर्जा का इस्तेमाल भी सीमित है. इजरायल को अपने ऊर्जा संसाधनों का भरपूर दोहन करने के लिए निर्यात करने की सख्त जरूरत है. लेकिन इसके रास्ते में बहुत सी अड़चनें हैं.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 11/15
पिछले साल, नोबल और इजरायली कंपनी डेलेक ड्रिलिंग ने मिस्त्र तक एक गैसलाइन बनाने के लिए 10 साल की एक डील पर हस्ताक्षर किए थे. इस ईंधन का कुछ हिस्सा दो मिस्त्र टर्मिनलों को दोबारा निर्यात किया जा सकता है.

ऊर्जा विश्लेषकों का कहना है कि वे मिस्त्र की बढ़ती आबादी को देखते हुए आशान्वित हैं, 10 करोड़ की आबादी वाला मिस्त्र आगे चलकर एक बड़ा बाजार बनने वाला है. गैस की वजह से दोनों पड़ोसी देशों के बीच नजदीकी और बढ़ सकती है हालांकि हाल ही में बड़े पैमाने पर हाथ लगे भंडारों के बाद वह बड़ा ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 12/15
मिस्त्र के रूप में बड़ी संभावना को जनवरी महीने में स्टेनटिज की कायरो दौरे से मजबूती मिली थी. 2011 के बाद से किसी इजरायली मंत्री का मिस्त्र का यह पहला दौरा था. इजरायली मंत्री, अन्य पांच देशों के प्रतिनिधियों और फिलिस्तीनी प्रशासन ने गैस पाइपलाइन को लेकर एक समूह बनाने और सहयोग बढ़ाने की बात की थी.

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि मिस्त्र के साथ व्यापार करना अब भी जोखिम भरा है. 2012 में दोनों देशों के बीच बिछी एक गैस पाइपलाइन पर गंभीर हमला हुआ था.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 13/15
तुर्की का विकल्प भी खुला नहीं
इजरायल के नीतिनिर्माता लंबे समय से तुर्की के रास्ते यूरोप तक एक पाइपलाइन बनाने के पक्ष में रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन के साथ रिश्ते पिछले कुछ सालों में थोड़े खराब हुए हैं इसलिए यह विकल्प भी फिलहाल बंद ही है.

इजरायल की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना ये सामने आई थी है कि साइप्रस और ग्रीस से होते हुए इटली तक दुनिया की सबसे गहरी और लंबी गैस पाइपलाइन बनायी जाए. इस परियोजना को यूरोपीय यूनियन, साइप्रस और ग्रीस का भी समर्थन है लेकिन निवेशक इस परियोजना की 6-7 अरब डॉलर की लागत को देखते हुए इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 14/15
इजरायली समुद्री तटों पर गैस का उत्पादन करने वाली ग्रीक एनर्जी कंपनी एनर्गन के चीफ एग्जेक्यूटिव मैटिओस रिगास ने कहा, इस पाइपलाइन की आर्थिक संभावनाओं और हिस्सेदारों के मुनाफे पर सवालिया निशान हैं.

रिगास ने कहा कि वह इजरायल से साइप्रस के बीच एक टर्मिनल बनाने के पक्ष में हैं लेकिन इसमें बहुत लागत आएगी और कम से कम एक दशक का वक्त लग जाएगा. इसके अलावा, तुर्की से भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वह साइप्रस के दावे वाले जलक्षेत्र में खुदाई कर रहा है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
इजरायल के पास बेशुमार तेल भंडार, पर क्यों नहीं करता है खर्च?
  • 15/15
हाउस्टन में एक कॉन्फ्रेंस में नोबल लेविथन के मैनेजर वेस्ले जॉन्सन ने कहा, हमें कहीं ना कहीं गैस का इस्तेमाल करना ही होगा. लेकिन अधिकतर इजरायली निर्यातकों को संदेह है कि देश एक दिन बड़े निर्यातक देश के तौर पर उभरेगा. कुछ लोग इस बात से खुश हैं कि उनके देश के तेल भंडार उनके देश में ही सुरक्षित हैं. एक पूर्व इजरायली सैन्य अधिकारी गैल लुफ्त ने कहा, मैं इसमें कुछ भी खराब नहीं देखता हूं कि हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए गैस भंडार बचे रहेंगे.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Advertisement
Advertisement
Advertisement