भारत को आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपने पड़ोसी देशों का साथ मिलने जा रहा है. 6 पड़ोसी देश भारत के साथ सैन्य अभ्यास करने के लिए हामी भर चुके हैं.
इन 6 देशों में पाकिस्तान और चीन नहीं शामिल है. बल्कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाइलैंड और म्यांमार का साथ मिलने जा रहा है.
इस सैन्य अभ्यास का मकसद काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में एक दूसरे देश की मदद और मिलिट्री फोरम डिवेलप बनाना है.
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभ्यास को BIMSTEC (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक कोपरेशन) नाम दिया गया है. आपको बता दें कि इन देशों के बीच मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए पहली प्लानिंग कॉन्फ्रेंस हो गई है.
भारतीय सेना श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाइलैंड और म्यांमार की सेनाएं मिलकर 10 सितंबर से 16 सितंबर तक जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करेंगी.
आपको बता दें कि पहली BIMSTEC मिलिट्री एक्सरसाइज भारत में हो रही है.
इन सभी सात देशों की सेना से 5-5 ऑफिसर और 25-25 अदर रैंक के फौजी इसमें शिरकत करेंगे.
15 और 16 सितंबर को इन सभी सात देशों के आर्मी चीफ की कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें आर्मी चीफ मिलकर इस मल्टी नेशन एक्सरसाइज का रिव्यू करेंगे.
इस सैन्य अभ्यास के दौरान सात देशों के आर्मी चीफ ऑपरेशनल सिनर्जी पर बात करेंगे. साथ ही काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन को लेकर किसी तरह एक दूसरे का सहयोग हो सकता है इस पर चर्चा होगी.
बैठक में रीजनल सिक्यॉरिटी फोरम बनाने पर विचार होगा. रीजनल सिक्यॉरिटी फोरम बनाने का मकसद आतंकवाद और ट्रांस नैशनल क्राइम से साथ मिलकर मुकाबला करना है.
आपको बता दें कि 2012 से भारत ने दूसरे देशों के साथ सैन्य अभ्यास करने की संख्या बढ़ा दी है. भारत ने 2012 में 8 देश, 2013 और 2014 में 6, 2015 में 9, 2016 में 14, 2017 में 15 और 2018 में अबतक 7 सैन्य अभ्यास किए हैं.
आपको बता दें कि भारत की दिलचस्पी रीजनल सिक्यॉरिटी फोरम बनाने पर इसलिए भी है क्योंकि म्यामांर से आए रोहिंग्या को लेकर भारत आंतरिक सुरक्षा पर खतरा महसूस करता रहा है. सैन्य अभ्यास और साझा कोशिशों से इस तरह की दिक्कतें दूर हो सकती है. (सभी फोटो प्रतीकात्मक: Reuters)