सचिन तेंदुलकर की मच अवेटेड बायोपिक फिल्म सचिन- अ बिलियन ड्रीम्स शुक्रवार (26 मई) को रिलीज होने जा रही है. ये फिल्म सचिन के क्रिकेट के भगवान बनने के सफर की कहानी है.
सचिन क्रिकेट आज क्रिकेट के लिजेंड है, तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है उनके सौतेले भाई अजीत तेंदुलकर .सचिन ने क्रिकेट खेलना अपने बड़े भाई अजीत तेंदुलकर की वजह से ही शुरू किया था. सचिन तेंदुलकर ने इस फ़िल्म के लिए भी अपने भाई अजीत तेंदुलकर का शुक्रिया अदा किया था.
अजीत तेंदुलकर क्रिकेटर बनना चाहते थे. वह खुद एक ऑफ स्पिनर थे, जिन्होंने डिविजन ए क्रिकेट खेला था. लेकिन घर के हालातों को समझते हुए अजीत ने टीचिंग का प्रोफेशन अपना लिया.
अजीत ने ही सचिन को उनके कोच रमाकांत आचरेकर से भी मिलवाया था. एक इंटरव्यू में अजीत ने बताया कि सचिन की बैक लिफ्ट और बॉल की लेंथ की आसानी से जज करने की स्किल से मुझे पता चला था कि सचिन सिर्फ क्रिकेट के लिए ही बने हैं.
अजीत के मुताबिक सचिन छोटी उम्र में करोड़पति बन गये थे. लेकिन उनके लिये वह तभी करोड़पति होते थे जब वह रन बनाते थे. उन्होंने कहा, मेरे लिये वह करोड़पति तभी थे जब वह शतक बनाते थे.
अजित के मुताबिक मई 1999 में भारतीय टीम जब श्रीलंका में थी तब हमारे पिताजी को दिल का दौरा पड़ा था. मैंने पिताजी से कहा कि सचिन कल बल्लेबाजी करेगा और मैं उससे नहीं कहूंगा कि आपकी तबीयत ठीक नहीं है.
अजीत कभी भी सचिन का लाइव मैच नहीं देखते थे.उन्हें डर था कि ऐसा करने से सचिन जल्दी आउट हो जाएगा. हालांकि, वह मैच की हाईलाइट्स देखकर सचिन से उनकी टेकनीक के बारे में रोज डिस्कस करते थे. उन्होंने कभी सचिन के खेल की तारीफ भी नहीं की
सचिन के मुताबिक अपने करियर के आखिरी दिन भी जब मैं वानखेड़े स्टेडियम में आउट हुआ, तब भी हमने आउट होने के बारे में चर्चा की और यह भी कि मैं (आउट होने से बचने के लिए) क्या कर सकता था.
अजीत खुद एक कोच रह चुके हैं, वह यूएई और अमेरिका में जाकर वहां के बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग दे चुके हैं.
क्रिकेट को अलविदा करते वक्त सचिन अपने भाई अजीत के बारे में बताते हुए कहा था ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि मेरे क्रिकेट खेलने की वजह अजीत भईया ही रहें हैं. आज मैं जो कुछ भी हूं उसे पाना नामुमकिन होता अगर अजीत भईया मेरे साथ नहीं होते’.