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पहले दुल्हन की तरह सजी फिर 12 साल की बच्ची ने लिया वैराग्य

पहले दुल्हन की तरह सजी फिर 12 साल की बच्ची ने लिया वैराग्य
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गुजरात के सूरत में एक 12 साल की बच्ची ने सांसारिक सुखों को त्याग कर जैन धर्म की दीक्षा ली. बच्ची का नाम खुशी शाह है जिसने सांसारिक सुखों को त्याग कर भिक्षु बनने का फैसला लिया है.
पहले दुल्हन की तरह सजी फिर 12 साल की बच्ची ने लिया वैराग्य
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बताया जा रहा है कि ख़ुशी ने छठी कक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. इसके बाद खुशी ने आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए पिछले साल नवंबर में स्कूल छोड़ दिया और आध्यात्मिक राह पकड़ ली. जैन संतों की उपस्थिति में पहले खुशी का दुल्हन की तरह शृंगार किया गया फिर उन्होंने दीक्षा ली.
पहले दुल्हन की तरह सजी फिर 12 साल की बच्ची ने लिया वैराग्य
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एएनआई से बात करते हुए खुशी ने कहा कि संसार अस्थायी है. यहां भोगे जाने वाले सुख कुछ ही पल के हैं. असली सुख तो ईश्वर के शरण में है. इसलिए मैंने दीक्षा ली.
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खुशी ने बताया कि उसने भिक्षु बनने के लिए पहले ही 4 साल की देरी कर दी है. सिमरंधर स्वामीजी (तीर्थंकर) के अनुसार आठ साल की उम्र में सांसारिक सुख का त्याग कर देना चाहिए. मैं अब 12 साल की हूं. इसलिए, मैं जल्द दीक्षा लेना चाहती हूं.
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मालूम हो कि खुशी के दीक्षा समारोह में बड़ी तादाद में जैन धर्म के लोग पहुंचे थे. खुशी के पिता विनीत शाह ने कहा मेरी बेटी दीक्षा ले रही है यह हमारे लिए गर्व की बात है. वह लोगों के जीवन को बदलने का काम करेंगे. वहीं, खुशी की मां ने कहा कि मैं चाहती थी कि मेरी बेटी खुशी डॉक्टर बने, लेकिन हमने आपसी सहमति से फैसला लिया और हम इस बात से खुश हैं कि खुशी दीक्षा ले रही है.   
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