वजन का बढ़ना (Weight Gain)
वजन बढ़ने (Weight Gain) का मतलब है शरीर के वजन में वृद्धि. इसमें मांसपेशियों में वृद्धि, चर्बी का जमा होना, पानी जैसे अतिरिक्त तरल पदार्थ का जमा होना शामिल हो सकते हैं. वजन का बढ़ना एक गंभीर मेडिकल कंडिशन का लक्षण हो सकता है. सामान्य शारीरिक प्रक्रियाओं और शारीरिक व्यायाम सहित जीवन की तमाम गतिविधियों में खर्च की गई ऊर्जा से अधिक ऊर्जा को प्राप्त करने की वजह से वजन बढ़ता है (Weight Gain Resons).
अगर शरीर में वसा यानी चर्बी के जमा होने के कारण वजन बढ़ जाता है, तो व्यक्ति अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हो सकता है, जिसे आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. बॉडी मास इंडेक्स (BMI) शरीर के वजन को ऊंचाई के अनुपात में मापता है, और अनुपात के आधार पर सटीक, अपर्याप्त और अत्यधिक वजन को परिभाषित करता है.
भोजन की भरपूर आपूर्ति और गतिहीन जीवनशैली होने पर शरीर में अतिरिक्त वसा का होना एक सामान्य स्थिति है. अधिक वजन यानी मोटापा मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था के दौरान अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. दुनिया भर मंो मोटापे की दर 1975 से 2016 तक तिगुनी हो गई है, जिसमें लगभग 1.8 बिलियन लोग और विश्व की 39% वयस्क आबादी शामिल है (Effects of Weight Gain).
32 वर्षों में 12,000 से अधिक लोगों पर नजर रखने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि सामाजिक नेटवर्क किसी व्यक्ति के वजन बढ़ने की संभावना को निर्धारित करने में आश्चर्यजनक रूप से शक्तिशाली भूमिका निभाते हैं (Social Factors for Weight Gains). पर्याप्त नींद की कमी और तनाव (Sleep and Stress) के कारण भी वजन बढ़ता है. नींद की कमी से लेप्टिन, जो भूख को रोकता है, उसके स्तर में कमी आती है और भूख को बढ़ाने वाले घ्रेलिन स्तर को बढ़ाती है. नतीजतन, समय के साथ नींद की कमी से कैलोरी की मात्रा में वृद्धि हो सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है (Causes of Weight Gain).
सौरभ चौरसिया ने मात्र एक महीने में 18 Kg वजन काम कर लिया. AIIMS में जब वह इलाज के लिए आए तो 104 किलो के थे लेकिन योग करने के साथ-साथ डाइट पर नियंत्रण रखकर अपना वजन 86 किलो तक ले आए.