गुरमीत बावा, लोक गायिका
गुरमीत बावा (Gurmeet Bawa) एक भारतीय पंजाबी भाषा की लोक गायिक थीं (Indian Punjabi Language Folk Singer). वह लंबी हेक दी मलिका के रूप में जानी जाती थी (Lambi Hek Di Malika). वह एक सांस में लगभग 45 सेकंड तक गायन कर सकती थीं. बावा दूरदर्शन पर गाने वाली पहली पंजाबी महिला गायिका थीं (First Punjabi Female Singer to Sing on Doordarshan). बावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित थीं (Sangeet Natak Akademi). जनवरी 2022 में, बावा को मरणोपरांत कला के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया (Padma Bhushan).
गुरमीत बावा का जन्म 18 फरवरी 1944 (Gurmeet Bawa Date of Birth) को पंजाब के कोठे गांव में पिता एस. उत्तम सिंह और माता राम कौर के घर गुरमीत कौर के रूप में हुआ था (Gurmeet Bawa Parents). यह गांव अब पंजाब के गुरदासपुर जिले का हिस्सा है. जब वह दो साल की थीं, तब उनकी मां का देहांत हो गया. गुरमीत बावा ने अपनी जूनियर बेसिक ट्रेनिंग परीक्षा उत्तीर्ण की और शिक्षक बनने वाली क्षेत्र की पहली महिला बन गई (Gurmeet Bawa Education). बावा ने अपने करियर की शुरुआत 1968 में की थी. उन्होंने अलगोजा, चिम्ता, ढोलकी और तुम्बी सहित तमाम पंजाबी लोक वाद्ययंत्रों के साथ गाया. अपने शुरुआती प्रदर्शनों में प्रेम चोपड़ा, प्राण और राज कपूर जैसे बॉलीवुड सितारों से स्टैंडिंग ओवेशन मिला. उनके कुछ गानों में जुगनी, घोरियन (पंजाबी विवाह गीत) और मिर्जा (मिर्जा साहिबान की पंजाबी गाथा) शामिल हैं (Gurmeet Bawa Singing Career).
उन्होंने 1987 में सोवियत संघ और 1988 में जापान में आयोजित भारत उत्सव के दौरान देश का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 1988 में बैंकॉक में थाईलैंड संस्कृति केंद्र में प्रदर्शन किया और 1989 में त्रिपोली, लीबिया में बोसरा उत्सव और 25वें जश्न-ए-आज़ादी उत्सव में देश का प्रतिनिधित्व किया (Gurmeet Bawa Foreign Performances).
बावा का विवाह पंजाबी लोक गायक कृपाल बावा से हुआ था (Gurmeet Bawa Husband), जिनसे उनकी तीन बेटियां हुईं, जिनमें से दो, लची बावा और गलोरी बावा गायिकाएं हैं (Gurmeet Bawa Daughters). 21 नवंबर 2021 को अमृतसर के एक अस्पताल में 77 साल की आयु में उनकी मृत्यु हो गई (Gurmeet Bawa Death). फरवरी 2020 में उनकी बेटी लची बावा की मौत हो गई थी.