अविनाश साबले
साबले का पूरा नाम, नायब सूबेदार अविनाश साबले (Naib Subedar Avinash Sable) एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं, जो 3000 मीटर स्टीपलचेज में माहिर हैं. उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2022) में 8:11.20 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और रजत पदक जीता (Avinash Sable, Silver Medal). यह नौवीं बार था जब उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था.
साबले का जन्म 13 सितंबर 1994 को महाराष्ट्र के बीड जिले के मांडवा में हुआ था (Avinash Sable Age). वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. छह साल की उम्र से, वह घर और स्कूल के बीच 6 किमी की दूरी दौड़कर या चलकर तय करते थे,क्योंकि उनके गांव में कोई परिवहन सुविधा नहीं थी. 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद, वह भारतीय सेना की 5 महार रेजिमेंट में शामिल हो गए (Avinash Sable Education).
टखने की चोट के कारण 2018 एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहने के बाद, साबले ने भुवनेश्वर में 2018 राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप में 8:29.80 समय के साथ 37 वर्षीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया. उन्होंने मार्च 2019 में पटियाला में फेडरेशन कप में 8:28.94 का एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने 2019 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप और 2019 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया. वह दीना राम (1991) के बाद विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले पुरुष स्टीपलचेजर बने. साबले ने दोहा में 2019 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता, उन्होंने फाइनल में राष्ट्रीय रिकॉर्ड को 8:21.37 तक सुधारा, 16 धावकों में से 13 वें स्थान पर रहे, [13] और 2020 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. साबले ने 2020 दिल्ली हाफ मैराथन में 61 मिनट से भी कम समय में रन पूरा करते हुए एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था (Avinash Sable career).
एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में तीसरे दिन की समाप्ति के बाद भारत पदक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर आ चुका है. भारत ने 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 3 कांस्य पदक जीते हैं. चीन ने 12 स्वर्ण पदक सहित 21 पदक जीते हैं.
नीरज चोपड़ा ब्रुसेल्स में डायमंड लीग फाइनल में खेलने उतरेंगे. वह फाइनल को जीतना चाहेंगे, जहां उनके निशाने पर 'मिशन 90 पार' होगा. यानी जैवलिन थ्रो 90 मीटर दूर फेंकना. नीरज आज तक ऐसा नहीं कर सके हैं. वहीं 3000 मीटर की स्टीपलचेज रेस में अविनाश साबले ने निराश किया.