जीवन के गूढ़ अनुभवों से पिरोई अपनी कहानियों के लिए जाने जाने वाले संजय सिन्हा अपनी इस कहानी में बता रहे हैं कि किस तरह नई पीढ़ि सिर्फ किताबी ज्ञान तक सिमटने लगी है. जीवन के व्यवहारिक ज्ञान से यह दूरी आत्मघाती है.