शतरंज की दुनिया के नए वर्ल्ड चैम्पियन नार्वे के 22 साल के होनहार मैग्नस कार्लसन को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने 9.9 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि और विश्व कप ट्रॉफी प्रदान की.
कार्लसन ने भारत के विश्वनाथन आनंद की बादशाहत को खत्म करते हुए यह सर्वोच्च मुकाम हासिल किया. कार्लसन ने 10वीं और अंतिम बाजी में 65 चाल के बाद पांच बार के चैम्पियन आनंद को ड्रॉ पर रोका.
कार्लसन विश्व खिताब हासिल करने वाले नार्वे के पहले ग्रैंडमास्टर हैं. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने शतरंज के नए विश्व चैम्पियन को ट्रॉफी प्रदान की.
अंतिम स्कोर 6.5-3.5 से कार्लसन के पक्ष में रहा. कार्लसन को पुरस्कार के तौर पर 15.3 लाख डॉलर मिले जबकि आनंद को 10.2 लाख डॉलर और उपविजेता की ट्रॉफी से संतोष करना पड़ा.
आनंद ने खिताबी जीत का श्रेय कार्लसन को देते हुए कहा कि वह तो पांचवीं बाजी के बाद से ही जीत के लिए जरूरी जमीन खो चुके थे.
आनंद ने कहा, 'मैं अपनी रणनीति को अमली जामा नहीं पहना सका. मैंने कई गलतियां की. ऐसी गलतियों के रहते मैं कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता था.'
आनंद ने कहा कि मुकाबले में जो स्थितियां थीं उससे उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे. इसके बावजूद उन्होंने करो या मरो की रणनीति के साथ आखिर तक जीत की कोशिश की.
कार्लसन ने जीत के बाद कहा कि तीसरे और चौथे दौर की बाजी के बाद उन्हें महसूस हो गया कि आनंद को उन्हीं के घर में हराया जा सकता है.
कार्लसन ने कहा, 'तीसरे और चौथे दौर की बाजी के बाद मुझे लगा कि आनंद को हराने के लिए मुझे किसी तरह के चमत्कार की आवश्यकता नहीं है. मैंने इसके बाद अपना स्वाभाविक खेल दिखाया.'
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने शतरंज के नए विश्व चैम्पियन नार्वे के मैग्नस कार्लसन को 9.9 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि और विश्व कप ट्रॉफी प्रदान की.
पुरस्कार वितरण समारोह में जयललिया ने कार्लसन को स्वर्ण ट्रॉफी दी और साथ ही पुरस्कार राशि का चेक भी प्रदान किया.
कार्लसन को नीलगिरी हिल्स से लाए गए जैतून के पत्तों का बना गुलदस्ता भी भेंट किया गया.
जयललिता ने कार्लसन के हाथों विश्व खिताब गंवाने वाले पांच बार के चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद को 6.03 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की.
शतरंज की विश्व संस्था-फिडे के प्रमुख किरसान इलुमंझीनो ने कार्लसन को स्वर्ण पदक और आनंद को रजत पदक प्रदान किया.
22 साल के कार्लसन आनंद के बीच यह प्रतिस्पर्धा 10 बाजियों तक चली.