
वर्जिन गैलेक्टिक के फाउंडर रिचर्ड ब्रैनसन रविवार को अंतरिक्ष के सफर के लिए उड़ान भरेंगे. वे क्रू के साथ अपने स्पेसशिप टू एयरक्रॉफ्ट से रवाना होंगे. उनके साथ तीन क्रू मेंबर्स और दो पायलट भी होंगे. इनमें से एक क्रू मेंबर शिरीषा बंदला भी होंगी. भारतीय मूल की शिरीषा बंदला गैलेक्टिक में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ गवर्नमेंट अफेयर एंड रिसर्च ऑपरेशन पद पर हैं.
33 साल की शिरीषा बंदला का जन्म आंध्रप्रदेश के गुंटूर में हुआ. वे अंतरिक्ष में जाने वालीं भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं. उनसे पहले कल्पना चावला ये कारनामा कर चुकी हैं. शिरीषा राकेश शर्मा, कल्पना चावला और भारतीय-अमेरिकी मूल की सुनीता विलियम्स के बाद अंतरिक्ष में जाने वालीं चौथी भारतीय हैं.
शिरीषा बंदला की चर्चा आज हर तरफ हो रही है. ऐसे में उनकी बचपन की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में शिरीषा के दादा डॉ रगैया जो रिटायर वैज्ञानिक हैं, उन्होंने बताया कि शुरुआत से ही शिरीषा आकाश और अंतरिक्ष की ओर आकर्षित होती थी. वह आकाश, अंतरिक्ष की ओर देखती थी, पूछती थी कि वहां क्या है और कैसे पहुंचा जाता है. रगैया ने कहा, मैं बहुत खुश हूं और आनंदित हूं. मेरी दूसरी पोती, अंतरिक्ष में जा रही है.

शिरीषा अमेरिका में रहती हैं. उन्होंने कहा, मैं यूनिटी 22 के क्रू का और ऐसी कंपनी का हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष तक सभी की पहुंच करवाना है.

शिरीषा आंध्र प्रदेश के गुंटूर की रहने वाली हैं. उन्होंने पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल/एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएट किया है. उसके बाद उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री ली है. शिरीषा अभी वर्जिन ऑर्बिट के वॉशिंगटन ऑपरेशंस को भी संभाल रही हैं.
शिरीषा के रिश्तेदार रामाराव कन्नेगन्ती ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, सबसे अच्छी बात ये है कि वह रिचर्ड ब्रेनसन की दोस्त हैं. हम सभी को उन पर गर्व है और हम उनकी सुरक्षित यात्रा की कामना करते हैं.

वर्जिन गैलेक्टिक का ट्विन-फ्यूजलेज व्हाइटनाइट कैरियर एयरक्रॉफ्ट रविवार को अमेरिका के न्यू मैक्सिको में कंपनी के स्पेसपोर्ट से उड़ान भरेगा. WhiteKnight विमान ब्रैनसन समेत अन्य को VSS Unity के साथ अंतरिक्ष में ले जाएगा.

टेक ऑफ के 40 मिनट बाद यूनिटी मदरशिप के बीच से गिर जाएगी और कुछ मिनट बाद ही रॉकेट इंजन को एक्टिव करेगी, जिससे ब्रैनसन और चालक दल करीब 55 मील ऊंचे अंतरिक्ष के किनारे पर पहुंच सकें. इसके बाद यूनिटी स्पेसपोर्ट अमेरिका में लैंडिंग स्ट्रिप पर वापस आ जाएगी.