गुप्त नवरात्रों का पांचवां और छठा दिन है. पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कन्द माता जी की पूजा करते हैं. स्कन्द माता की गोद में कार्तिकेय जी बैठे होते हैं. गुप्त नवरात्रों के छठे दिन स्कन्द षष्ठी होती है. इस दिन मुरुगन यानी कार्तिकेय जी की पूजा करते हैं. पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पंचमी 17 जुलाई मंगलवार को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक है. फिर षष्टी आ जाएगी और उसके बाद स्कन्द षष्ठी में मुरुगन पूजा होगी.
मुरुगन देव कौन है?
माना जाता है कि मुरुगन यानी कार्तिकेय जी दिमाग के बहुत तेज़ थे, जो कार्तिकेय की पूजा करेगा वह पढ़ाई में अच्छा होगा. साथ ही कार्तिकेय जी बुरी आदतों और शक्तियों का नाश करते हैं. स्कन्द षष्ठी पर कार्तिकेय की खास पूजा करनी चाहिए.
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मुरुगन पूजा क्यों करें?
- कार्तिकेय जी शिव-पार्वती जी के दूसरे पुत्र और गणेश जी के भाई हैं.
- मुरगन देव या कार्तिकेय जी देवताओं के सेनापति हैं.
- ये देवताओं की रक्षा करते हैं.
- बच्चों की सेहत ठीक करनी है या उनकी पढ़ाई में सुधार करना है तो ये पूजा जरूर करें.
- शत्रुओं से रक्षा होती है.
- नौकरी में तरक्की होगी.
- कन्याओं का विवाह जल्दी होगा.
- सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
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शिव पार्वती और कार्तिकेय जी की पूजा कैसे करें-
संतान की रक्षा, अच्छी पढ़ाई, बुरी आदतों से बचने के लिए शिव, पार्वती और मुरुगन पूजा करें.
- शिव जी, पार्वती जी और पुत्र कार्तिकेय जी को लाल फूलों की माला चढ़ाएं.
- चार लड्डू चढ़ाएं, शहद बादाम चढ़ाएं.
- 4 केले चढ़ाएं और धूप दीपक जलाएं.
- छह बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता और शहद चढ़ाएं.
- चन्दन की अगरबत्ती जलाएं.
- घी का दीपक जलाएं.
- इस मंत्र का जाप करें- ॐ शंकर सुताय कार्तिकाय नमो नमः
- बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट और पिस्ते का प्रसाद लें.
- प्रसाद को बाकी मेवों में मिलाकर रखें.