ज्योतिष में संपत्ति का योग कैसे बनता है? सितारों की कौन सी स्थिति आपकी कुंडली में संपत्ति योग को बेहतर कर सकती है, आइए जानते हैं...
ज्योतिष में संपत्ति के योग कैसे देखे जाते हैं?
- संपत्ति के दो अर्थ होते हैं- भूमि और भवन
- भूमि के लिए मुख्य रूप से मंगल जिम्मेदार होता है
- निर्माण के लिए भी मंगल की भूमिका होती है
- पर भवन के लिए ज्यादातर शुक्र की भूमिका होती है
- चतुर्थ भाव और इसका स्वामी भी संपत्ति के लिए महत्वपूर्ण होता है
- मंगल, शुक्र और चतुर्थ भाव से कुल मिलाकर संपत्ति की स्थिति देखी जाती है
कब भूमि प्राप्त करने के योग बनते हैं?
- कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होने पर
- मंगल के चतुर्थ भाव या इसके स्वामी से सम्बन्ध होने पर
- कुंडली में अग्नि तत्त्व की मात्रा मजबूत होने पर
- मूलांक 01, 04, 08 या 09 होने पर
कब संपत्ति प्राप्त करने के योग बनते हैं?
- कुंडली में शुक्र और मंगल की स्थिति ठीक होने पर
- शुक्र का सम्बन्ध चतुर्थ भाव से होने पर
- शुक्र और चन्द्रमा का सम्बन्ध होने पर
- कुंडली में पृथ्वी तत्व मजबूत होने पर
- मूलांक 02, 04, 06 होने पर
संपत्ति के लाभ के लिए क्या करें ?
भूमि के लाभ के लिए-
- तीन महीने तक मंगल को मजबूत करने के उपाय करें
- लाल आसन पर बैठकर मंगल के तांत्रिक मन्त्र का जप करें
- मन्त्र होगा - "ॐ क्रां क्रीं क्रौ सः भौमाय नमः"
- मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं
- काम शीघ्र हो जाएगा
संपत्ति के लाभ के लिए
- नित्य प्रातः और सायं श्री सूक्तम का पाठ करें
- शुक्रवार को धर्मस्थान में सफ़ेद मिठाई बाँटें
- एक स्फटिक की माला धारण करें
- एक चांदी का छल्ला दाहिने हाथ के अंगूठे में धारण करें