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नाग पंचमी: कुंडली में है कालसर्प योग तो करें ये उपाय

15 अगस्त यानी कल नाग पंचमी है. आइए जानते हैं नाग पंचमी पर कालसर्प की पूजा करने से क्या-क्या लाभ होते हैं.

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नाग पंचमी
नाग पंचमी

15 अगस्त बुधवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की नाग पंचमी है. नाग पंचमी पर चंद्रमा कन्या राशि और अपने हस्त नक्षत्र में हैं. जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उनके लिए अभी से शिव पूजन करना जरूरी है. नाग नागिन की पूजा करनी जरूरी है. इससे कालसर्प दोष से होने वाली हानि से बचा जा सकता है. साथ ही अकूत धन आएगा यानी शिवजी की पूजा आरंभ होगी.

15 अगस्त को नाग पंचमी पर कालसर्प की पूजा करने से कालसर्प के दोष से मुक्ति मिलेगी. साथ ही धन का लाभ होगा. नाग पंचमी पर कालसर्प दोष निवारण पूजा करने स कष्टों से मुक्ति मिलती है.

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कालसर्प योग क्या है ?

- कालसर्प योग अक्सर कुंडलियों में पाया जाता है.

- 12 तरह के कालसर्प योग होते हैं.

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- कुंडली से पता चलता है कि कौन सा कालसर्प योग है.

- राहु केतु के बीच सारे ग्रह आ जाएं तो कालसर्प योग बनता है जिससे जीवन सफल नहीं होता है.

- बार-बार बहुत कष्ट आते रहते हैं.

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कालसर्प योग के लक्षण-

- भाग्य काम नहीं करता है.

- हर बार धोखा हो जाता है.

- हर तरह से परेशानी आती है.

- बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.

- बच्चे परीक्षा में बार-बार फेल होते हैं.

- नौकरी और कारोबार नहीं चलता है.

- इंसान कर्ज़ों से बाहर नहीं निकल पाते हैं.

- विवाह नहीं होता है या विवाह के बाद बहुत क्लेश होता है.

- संतान नहीं होती है बच्चों में कोई ना कोई कमी होती है.

- मकान का सुख नहीं मिलता है.

- कितनी भी मेहनत करें लेकिन सफलता नहीं मिलती है.

- सभी से झगड़ें होते हैं.

कालसर्प निवारण के उपाय

- अनामिका अंगुली में सोना, चांदी और तांबा से मिली धातु की सर्प की अंगूठी शनिवार को धारण करें.

- चौखट पर चांदी स्वास्तिक लगाएं.

- दाम्पत्य जीवन में ज्यादा क्लेश हो तो किसी शनिवार को दोबारा सात फेरे लगाकर शादी करें.

कालसर्प निवारण की पूजा कैसे करवाएं

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- 15 अगस्त बुधवार को नाग पंचमी है.

- प्राचीन शिव मंदिर या गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी नदी किनारे काल सर्प निवारण पूजा करवाएं.

- नदी किनारे कोई शिव मंदिर हो तो अति उत्तम होगा पूजा वहीं पर करवाएं.

- पूजा में काले और नीले रंग के कपड़ें ना पहनें.

- शिव परिवार और नाग-नागिन की पूजा करें.

- शिव जी का रुद्राभिषेक करें और हवन करें.

- नाग नागिन जल में प्रवाहित करें.

- कालसर्प पूजा नसिक, ऋषिकेश और इंदौर में भी होती है.

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