कुंडली का पंचम, नवम और एकादश भाव पाचन तंत्र से सम्बन्ध रखता है. इसके अलावा चन्द्र सूर्य और राहु भी पेट से सम्बन्ध रखते हैं. चन्द्रमा जल और खाद्य का संतुलन बनाए रखता है. सूर्य खाने को पचाने में सहायता करता है. राहु आंतों की प्रक्रिया को संचालित करता है लेकिन मुख्य रूप से बृहस्पति ही पाचन तंत्र का स्वामी होता है.
कब व्यक्ति को कब्ज की समस्या होती है?
- कुंडली में पृथ्वी तत्व की मात्रा ज्यादा होने पर.
- जल तत्व या जलीय ग्रहों के कमजोर होने पर.
- शनि के ज्यादा मजबूत होने पर.
- पंचम स्थान से राहु का सम्बन्ध होने पर.
उपाय
- दिनचर्या को ठीक करें.
- सप्ताह में एक दिन केवल जलीय आहार पर उपवास रखें.
- एक मोती या ओपल धारण करें.
- नारंगी रंग का प्रयोग करें.
कब व्यक्ति को हाइपर एसिडिटी होती है?
- कुंडली में चन्द्रमा के कमजोर होने पर.
- सूर्य और चन्द्रमा के अत्यन्त निकट होने पर.
- पंचम भाव पर अग्नि के ग्रहों का प्रभाव होने पर.
- द्वितीय भाव के खराब या दूषित होने पर.
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उपाय
- तनाव पालने से बचें.
- बहुत ज्यादा ठंडा या गर्म पानी न पिएं.
- ताम्बे के पात्र का जल पीएं.
- सलाह लेकर ओपल या मोती धारण करें.
कब व्यक्ति को अल्सर की समस्या हो जाती है?
- पंचम भाव पर मंगल या केतु का प्रभाव होने पर.
- सूर्य का सम्बन्ध अग्नि ग्रहों से होने पर.
- जल तत्त्व की मात्रा कमजोर होने पर.
- बृहस्पति के अत्यन्त कमजोर होने पर.
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उपाय
- खाली पेट ना रहें.
- अन्न के बजाय सब्जियां और फल ज्यादा खाएं.
- चांदी के गिलास से जल पिएं.
- भूलकर भी पीला पुखराज ना पहनें.