रावण ने भगवान राम के लिए एक बार यज्ञ भी किया था. राम जी की सेना को समुद्र पर सेतु बनाने के लिए शिवजी का आशीर्वाद चाहिए था और इसके लिए एक यज्ञ करना था जो सिर्फ ज्ञानी ब्राह्मण द्वारा ही संभव था. इसके लिए राम ने रावण को यज्ञ करने का निमंत्रण भेजा. रावण शिव को काफी मानता था, इसलिए वो इस निमंत्रण को ठुकरा न सका.