Mahalaxmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत हिंदू धर्म का एक बेहद पवित्र व्रत है जो धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है. यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और इसका समापन अश्विनी मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है. आइए जानते हैं कि इस बार महालक्ष्मी व्रत कब से शुरू होने जा रहे हैं और इन पवित्र दिनों में कैसे मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है.
2025 में कब है महालक्ष्मी व्रत?
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 30 अगस्त को रात 10 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 01 सितंबर को रात 12 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में इस साल महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ 31 से होगा और इसका समापन 14 सितंबर को होगा.
क्या है महालक्ष्मी व्रत का महत्व?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. जीवन की सारी कठिनाइयां दूर होती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से धनधान्य की प्राप्ति होती है. इससे धन-वैभव में वृद्धि होती है. मान्यता है कि जिस घर में महिलाएं यह व्रत करती है, वहां सदैव पारिवारिक शांति और खुशहाली बनी रहती है. यह व्रत 16 दिन तक चलता है. इस दौरान अनाज का सेवन नहीं किया जाता है. इस व्रत को फलाहार करना ही उत्तम माना जाता है.
महालक्ष्मी व्रत पूजन विधि
महालक्ष्मी व्रत में प्रत्येक दिन प्रात:काल में उठकर स्नानादि कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा स्थान पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो को स्थापित करें और माता को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर एक कलश में जल भरें और उसके ऊपर एक नारियल रखकर लक्ष्मी माता की तस्वीर के सामने रख दें. इसके बाद माता को श्रृंगार का सामान और फल-फूल अर्पित करें. साथ ही धूप-दीप जलाकर माता को भोग लगाएं. फिर माता की स्तुति करें और चंद्रोदय होने पर अर्घ्य दें.