संविधान, जो देश के लिए एक ऐसा ग्रंथ है जिसके लिए अपना सब कुछ समर्पित करते हैं लोग. चुनावी मंचों से संविधान पर शोर क्यों सुनाई दे रहा है? क्यों एक पक्ष कहता है कि संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है? क्या ये केवल राजनीति साधने के लिए लोगों के मन में डर बिठाने की एक कोशिश है?