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मैं भाग्य हूं: दुख आए तो किसी को न कोसें

मैं भाग्य हूं: दुख आए तो किसी को न कोसें

कोई भी इंसान दुख नहीं भोगना चाहता. सब चाहते हैं कि जीवन में न तो कोई तकलीफ हो, न पीड़ा हो. अगर किसी को जरा सा दुख भोगना पड़ जाता है तो वो ईश्वर को दोष देने लग जाता है. लोग यही सोचते हैं कि हमेशा सुख रहे, दुख तो आए ही ना. दुख आने पर किसी को न कोसें क्योंकि ये तो ईश्वर या सृष्टि का नियम है.

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