न्याय जिसे देश का संविधान हर किसी मापदंड पर सबसे ऊपर रखता है. इस देश के संविधान की प्रस्तावना में सबसे पहले साफ-साफ लिखा है कि देश के समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय. संविधान सभा ने देश के नागरिकों के न्याय को सर्वोपरी रखा था. उसी न्याय पर आज सवाल खड़े हो गए हैं. देश के चार मौजूदा सीनियर जजों ने देश के सबसे बड़े जज को अपने कठघरे में खड़ा कर दिया है.