मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले खांसी सिरप से 14 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि 19 में से 3 सैंपल फेल पाए गए हैं. सभी जिम्मेदार अफसरों को हटाया गया है और लापरवाही करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने दो ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा (छिंदवाड़ा) और शरद कुमार जैन (जबलपुर) और एक डिप्टी डायरेक्टर शोभित कोस्टा को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही राज्य के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य का भी ट्रांसफर कर दिया गया है.
14 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन
मोहन यादव ने परासिया जाकर मृत बच्चों के परिवारों से मुलाकात की और कहा कि कांग्रेस इस मामले को राजनीति का रंग न दे. साथ ही उन्होंने कहा, हमारे समय में तो मुख्यमंत्री खुद मौके पर पहुंचे हैं, जबकि कांग्रेस के वक्त तो विधायक भी नहीं जाता था.
सरकार ने कोल्डरिफ खांसी सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है. यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसान फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा बनाया गया था. जांच में इसके सैंपल में जहरीला पदार्थ पाया गया है.
सिरप बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज हुआ
छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि सिरप बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मौत जैसी घटनाएं बेहद दुखद हैं. इस मामले में कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा.