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IIT दिल्ली से की इंजीनियरिंग, नौकरी छोड़ क्यों एक्टर बने अमोल पराशर? बताया कैसी पार्टनर की है ख्वाहिश

मशहूर एक्टर अमोल पराशर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित साहित्य आजतक 2025 का हिस्सा बने. उन्होंने इस दौरान बताया कि आखिर क्यों इंजीनियरिंग करने के बावजूद उन्होंने एक्टिंग की राह चुनी. अपनी खास स्किनकेयर रूटीन के बारे में भी उन्होंने फैंस को जानकारी दी.

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अमोल पराशर की जर्नी (Photo: Atul Kumar Yadav)
अमोल पराशर की जर्नी (Photo: Atul Kumar Yadav)

साहित्य आजतक 2025 का तीसरा दिन भी कई दिग्गज सितारों से सजा रहा. फिल्मों और वेब शो में दमदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीतने वाले अमोल पराशर इस कार्यक्रम में शामिल हुए. अमोल ने फिल्मों, कहानियों और वेब शो को लेकर अपने विचार सबके सामने रखे. उन्होंने ये भी बताया कि आखिर क्यों उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बावजूद एक्टिंग में करियर बनाया.  

क्यों एक्टर बने अमोल?

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि अमोल पराशर ने आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. लेकिन फिर उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर एक्टिंग में करियर बनाया. अमोल से जब उनके ऐसा करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- इंजीनियरिंग की पढ़ाई की फिर जॉब भी की. इंजीनियरिंग पढ़ते-पढ़ते स्टेज मिला, थिएटर करने लगा और इस तरह एक्टर बन गया. एक्टिंग में अच्छा था तो फिर एक्टिंग ही कर ली. 

अमोल ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार अपने पेरेंट्स को इंजीनियरिंग और जॉब छोड़कर एक्टर बनने के फैसले के बारे में बताया था तो उनके पेरेंट्स काफी डर गए थे. एक्टर बोले- पेरेंट्स को डर की वजह से मैंने फोन पर ही बताया था. मुझे लगा कि गुस्सा हुए तो फोन ही काटेंगे. उन्हें इस बात की चिंता थी कि ये ऐसा क्यों कर रहा है? किसने इसके दिल में ये विचार डाले हैं? किसने इसे बिगाड़ा है. मुंबई का सुन पेरेंट्स डर जाते हैं कि कैसे मुंबई में सर्वाइव करेगा. उन्हें बस समझाना पड़ता है कि उनका बेटा संभाल लेगा. 

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असल जिंदगी में किरदारों से कितने अलग हैं अमोल?
अमोल ने अपने बारे में बात करते हुए बताया- असली अमोल कैसा भी नहीं है. समय के साथ चीजें बदलती रहती हैं. कोई भी हर चीज में परफेक्ट नहीं होता है. वक्त के साथ आप ग्रो करते हैं, चीजें समझते हैं.

सेट पर कैसे होते हैं अमोल पराशर?
अमोल पराशर को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि वो सेट पर ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करते हैं. इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा- लोग बोलते हैं कि सेट पर मैं शांत रहता हूं. मैं यहां एक्टिंग करने आया हूं. सीन को अच्छे से परफॉर्म करना चाहता हूं. सेट पर ज्यादा हल्ला करो तो लगता है सीन में एनर्जी कम हो जाएगी. कई बार सीन करके अच्छा नहीं लगा. तो मुझे एहसास हुआ कि मैं डिस्ट्रेक्टेड था. सेट पर मैं सबसे बात करता हूं. लेकिन पहली प्रायोरिटी मेरे लिए सीन अच्छे से करना होती है. सीन के लिए एनर्जी बचाकर रखता हूं. अगर सीन निकल गया और टाइम बचता है तो मस्ती करता हूं. लेकिन पहली प्रायोरिटी सीन को अच्छे से परफॉर्म करना होता है. मुझे कई बार लगा कि मैं बेहतर कर सकता था. इसलिए जितना हो सके मैं सेट पर फोकस्ड रहता हूं. 

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अमोल ने बताया ग्लोइंग स्किन का राज
अमोल ने कार्यक्रम में अपने स्कीनकेयर रूटीन पर भी बात की. उन्होंने कहा- एक्टर्स के लिए अपना ख्याल रखना जरूरी होता है. मेरा सबसे बड़ा खर्चा ही क्रीमों पर होता है. हजारों रुपयों की क्रीम लगाता हूं. मेरा ज्यादा खर्चा इन्हीं चीजों पर है. स्किनकेयर महंगा है, लेकिन ये मेरे लिए इन्वेस्टमेंट की तरह है. एक्टर्स के लिए ये जरूरी है. शीशे में देखते हैं या कोई तारीफ करता है तो अच्छा लगता है. 

'अगर एक्टर नहीं होता तो शायद ऐसा नहीं होता. एक्टर को ये सब करना पड़ता है. इंजीनियरिंग में तो हॉस्टल में रहते थे. पडे़ रहते थे. लेकिन जब एक्टिंग का प्रोफेशन चुना तो लगता है कि खुद पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे हमारे काम पर फर्क पड़ता है. इसलिए फिजिकल, इमोशनल, मेंटल फिट होना जरूरी है. कई बार 12-12 घंटे शूट चलता है. कई अलग किरदार निभाने पड़ते हैं.' 

'इस काम से मुझे प्यार है. एक्टिंग के लिए डिग्री छोड़ दी, जॉब छोड़ी. पेरेंट्स को परेशान किया. मेरा मानना है कि मैं एक्टिंग करना चाहता हूं तो मैं खुद पर काम करता हूं. मैं चाहता हूं कि जो भी मेरी ख्वाहिश है वो मैं डिजर्व करूं. आईआईटी में एग्जाम देकर ही पहुंचते हो. शुरुआत से सबकुछ मेहनत करके ही मिला हो तो पर्सनैलिटी वैसे ही बन जाती है. मुझे मेहनत करके ही सब चाहिए.' 

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कैसी पार्टनर चाहते हैं अमोल?

प्यार भी अमोल ने बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें जिंदगी में कैसी पार्टनर चाहिए. एक्टर बोले- प्यार तो हो जाता है. अभी भी है प्यार कह सकते हैं. प्यार करने में शर्म नहीं हैं. लोग अक्सर लिस्ट बनाते हैं कि उन्हें पार्टनर में क्या खूबियां चाहिए, लेकिन जब प्यार होता है तो लिस्ट मायने नहीं रखती. हालांकि, समझदारी पसंद है, जिससे मैं बिना डरे बिना सहमे खुलकर बात कर सकूं. कई लोग दोस्तों के साथ खुलकर बात करते हैं, लेकिन बीवियों के साथ नहीं कर पाते. मुझे लगता है जिस रिश्ते में करीबन 30-40 साल बिताने हैं तो फिर कैसे बिना मन की बात बोले जी सकते हैं. ऐसा रिश्ता झूठा लगता है. रिश्ते में ईमानदारी होनी चाहिए, इससे रूट स्ट्रॉन्ग होता है.

ट्रिपलिंग शो से मिली पहचान

अमोल ने अपने मोस्ट पॉपुलर शो ट्रिपलिंग पर भी बात की, क्योंकि उन्हें एक्टर के तौर पर इस शो से खास पहचान मिली है. इस शो में अमोल ने चितवन का किरदार निभाया है. अपने इस रोल के बारे में अमोल बोले- पहली बार चितवन के कैरेक्टर से मुझे पहचान मिली. उस किरदार ने मुझपर छाप छोड़ी. 2016 में जब ट्रिपलिंग शो आया था. लोगों को अपनी फैमिली जैसी लगा, इसलिए लोगों ने उस शो को देखा. प्यार दिया. यंग लोगों को बहुत पसंद आया, तो अच्छा लगता है. इस शो को कई फैमिलीज ने साथ बैठकर देखा उन्हें मजा भी आया. 2025 में भी लोग ये शो देख रहे हैं. कई लोग बोलते हैं कि वो 18 बार ये शो देख चुके हैं. चितवन किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया. लोग किरदार को कॉपी करते हैं तो अच्छा लगता है 

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 शो का नाम क्यों रखा 'बेशर्म आदमी'?

अमोल अपने फेमस शो 'बेशर्म आदमी' के लिए भी जाने जाते हैं. शो का नाम 'बेशर्म आदमी' रखने की उन्होंने वजह भी बताई. एक्टर बोले- एक्टिंग की शुरुआत स्टेज से की. कॉलेज में ड्रामा करता था. फिर मुबंई जाकर थिएटर किए, ऑडिशन दिए. एड्स किए वहां से थोड़ी दिशा बदली. फिल्में, वेब शो मिलने लगे. मेरे दोस्त ने जब कहानी सुनाई तो मुझे पसंद आई. मुझे लगा ये लोगों को चैलेंज करेगा. लोग कनेक्ट करेंगे. इस नाटक का मैसेज है जिन चीजों पर शर्म करनी चाहिए, उनसे हम शर्म नहीं कर रहे हैं. लेकिन जिसमें शर्म नहीं करनी चाहिए जैसे वाइफ की हेल्प करने पर लोगों को शर्म आ जाती है. बेशर्म आदमी का पॉइंट यही है. जो शर्म अच्छे काम करने से रोक रही है, उस शर्म को हटा दीजिए. यही कहानी सिखाती है. 

मैस्कुलिनिटी को लेकर अमोल ने क्या कहा? 

'मैं इसी समाज मैं पैदा हुआ हूं. बड़े होते हुए मैंने कई चीजें की होंगी, जो परफेक्ट नहीं होंगी, लेकिन खुद को बेहतर करते रहना चाहिए. मैं भी सीखता आया हूं. समाज बेहतर बनता है. चीजें कभी धीरे- धीरे बदलती हैं. हर इंसान अच्छा बनना चाहता है, लेकिन उसे दिशा देने वाला भी कोई होना चाहिए. मैं सोचता हूं कि मैं एक एक्टर हूं, अपनी कहानियों के जरिए लोगों को कुछ अच्छा मैसेज दूं. समाज में कहानियों का भी रोल है. कहानी इंस्पिरेशन हो सकती हैं. मैं ऐसी कुछ कहानियां करते रहूंगा, जो लोगों को इंस्पायर करें.' अमोल ने आगे ये भी बताया कि उनके बहुत सारे सपने हैं. वो भविष्य में नाटक बनाना चाहते हैं. किताब लिखना चाहते हैं. डायरेक्ट भी करना चाहते हैं. 

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