scorecardresearch
 

मालिनी अवस्थी और गौहर रजा को 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान', राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने किया सम्मानित

दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अलग-अलग श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' प्रदान किए. इस दौरान लेखिका चित्रा मुद्गल को 'आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान' से नवाजा गया.

Advertisement
X
'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' देश के साहित्यकारों को सम्मान देने का एक जरिया है. (Photo- K Asif/ITG)
'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' देश के साहित्यकारों को सम्मान देने का एक जरिया है. (Photo- K Asif/ITG)

देश की राजधानी दिल्ली में साहित्य के सितारों का महाकुंभ यानी साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को लेखिका चित्रा मुद्गल को इस वर्ष 'आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान' से नवाजा गया.

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' प्रदान किए. यह अवॉर्ड देश के साहित्यकारों को सम्मान देने का एक जरिया है.

किसे मिला कौन-सा सम्मान:

> रिंकी झा ऋषिका को 'नदी घाटी सभ्यता/मैथिली' के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (युवा- भाषाई) से सम्मानित किया गया.

रश्मि कुलश्रेष्ठ को 'शेष रहेगा प्रेम' के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (युवा- महिला) से सम्मानित किया गया.

> अमित तिवारी को 'बंकू' उपन्यास के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (युवा- पुरुष) से नवाजा गया.

अमोल पालेकर और संध्या गोखले को 'अमानत एक स्मृतिकोष/ मराठी-हिंदी-अंग्रेजी' के लिए आजतक साहित्य जागृति भाषाई सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया.

विक्रम संपत को 'टीपू सुल्तान: द सागा ऑफ द मैसूर इंटररेग्नम (1760-1799)' के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025- पॉप्युलर से सम्मानित किया गया.

Advertisement

मालिनी अवस्थी को 'चंदन किवाड़' के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (महिला कैटेगरी) से नवाजा गया.

गौहर रजा को 'मिथकों से विज्ञान तक: जीवन और ब्रह्मांड से रहस्य, विज्ञान और धर्म का तालमेल' के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (पुरुष कैटेगरी) से सम्मानित किया गया.

लेखिका चित्रा मुद्गल को 'आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान' से नवाजा गया.

itg
राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने इंडिया टुडे की साहित्य वार्षिकी का विमोचन किया (Photo- K Asif/ITG)

इंसान के भीतर भाव को साहित्य ही बचा सकता है: हरिवंश

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने कहा कि देश को बौद्धिक रूप से संपन्न करने वाली प्रतिभाओं के सम्मान का साक्षी बनना उनके लिए निजी तौर पर गर्व और संतोष का विषय है. उपराष्ट्रपति ने साहित्य आजतक को भारतीय भाषाओं का साहित्यिक महाकुंभ बताते हुए कहा कि उन्होंने अर्थशास्त्र का विद्यार्थी होने के बावजूद समाज को समझने का वास्तविक दृष्टिकोण साहित्य से पाया.

उन्होंने रेणु, राही मासूम रज़ा, श्रीलाल शुक्ल, शिवप्रसाद सिंह जैसे लेखकों के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन उपन्यासों ने उन्हें समाज की जटिल परतें समझाईं, जो राजनीतिक विज्ञान की किताबें नहीं समझा सकीं. उन्होंने विक्टर फ्रैंकल की ‘मैन्स सर्च फॉर मीनिंग’ और चंद्रशेखर की जेल डायरी का भी जिक्र किया.

Advertisement

उन्होंने अपने हालिया नगालैंड दौरे का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह एक दूरस्थ पहाड़ी गांव की 1830-1870 की अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की कहानी स्थानीय साहित्य में संरक्षित है, जिसे देश के मुख्यधारा इतिहास में स्थान नहीं मिला. उन्होंने कहा, “जो कहानी इतिहास की किताबें नहीं बतातीं, साहित्य हमें दे देता है.”

उन्होंने कहा कि भारत तकनीक, एआई और इनोवेशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, पर साहित्य का दायित्व है कि वह इस तेज बदलाव के बीच समाज को मानवीय मूल्य, स्मृतियां और सांस्कृतिक आत्मविश्वास से जोड़े रखे. हरिवंश ने कहा, “तकनीक दुनिया को बदल देगी, पर इंसान के भीतर के भाव ,करुणा, स्मृति और सत्य साहित्य ही बचा सकता है.”

राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि 2014 के बाद भारत दुनिया में एक नए आत्मविश्वास के साथ उभरा है, पर इस आत्मविश्वास को नैतिक और मानवीय ऊंचाई देने की जिम्मेदारी साहित्यकारों की है. रचना ही वह शक्ति है जो मनुष्य को बदलती है. और वही स्थायी परिवर्तन लाती है. यहां मौजूद रचनाकार समाज की आत्मा हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement