पिछले चार साल में मोदी सरकार नई शिक्षा नीति नहीं तैयार कर पाई है. इसके लिए एक मंत्री ने एक समिति तो दूसरे मंत्री ने दूसरी समिति बना दी, लेकिन अभी तक नतीजा शून्य ही रहा है. सबसे पहले एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति साल 1986 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान लाई गई थी. इसमें फिर 1992 में कुछ संशोधन किए गए. अब मोदी सरकार यह चाहती है कि क्वालिटी एजुकेशन, इनोवेशन एवं रिसर्च पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नई शिक्षा नीति लाई जाए.