संतों और बाबाओं को हमेशा से ही जनता भगवान का दर्जा देती रही है, लेकिन ये संत और बाबा हमेशा से ही जनता की भावनाओं का खिलवाड़ करते आए है, ऐसा ही कुछ सुधांशु जी महाराज ने भी किया.