कानून बदल गया लेकिन परंपराएं नहीं बदलीं. राजस्थान में पहले केवल अक्षय तृतीया पर कहीं-कहीं बाल-विवाह की घटनाएं सामने आती थीं, लेकिन अब तो खुलेआम कभी भी बच्चों की शादी कर दी जा रही है.