चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार पूरी तरह सतर्क और तैयार है. सरकारी दावों के अनुसार इस वर्ष की यात्रा के लिए अब तक 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करा लिया है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर राज्य सरकार ने इस बार कई कड़े नियम और हाईटेक तकनीकें लागू किए हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव स्तर के अधिकारियों को चारधाम यात्रा का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. यात्रा के सुचारु संचालन के लिए प्रशासन लगातार उच्चस्तरीय बैठकें कर रहा है. मुख्यमंत्री का कहना है कि हमारा संकल्प है कि हर श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर सके, और उसे कोई असुविधा न हो.
इस बार कई नए नियम पहली बार लागू:
चप्पल-सैंडल पहनकर वाहन चलाने पर रोक लगा दी गई है. अब ड्राइवर केवल जूते या बूट पहनकर ही वाहन चला सकेंगे. नियम तोड़ने पर धारा 177A के तहत चालान, जुर्माना और लाइसेंस निलंबन जैसी कार्रवाई होगी. सभी व्यवसायिक वाहनों में प्राथमिक उपचार किट होना अनिवार्य कर दिया गया है. दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठे यात्री दोनों के लिए हेलमेट अनिवार्य होगा.
पंजीकरण, फिटनेस, बीमा और परमिट – अगर कोई भी दस्तावेज अधूरा मिला, तो वाहन को चारधाम मार्ग पर प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके अलावा विशेष टीमें तैनात की जाएंगी, जो किसी भी वाहन की स्थिति, पार्किंग ब्रेक, टायर चॉक, और रेडियम त्रिकोणीय बोर्ड की जांच करेंगी.
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह के अनुसार, गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर जाने वाले विकासनगर-यमुना ब्रिज मार्ग पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. PWD, BRO और NHAI के सहयोग से खतरनाक माने गए मार्गों की मरम्मत और चौड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया किहम श्रद्धालुओं की यात्रा को सहज, सरल और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
यात्रा की तारीखें:
30 अप्रैल 2025: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे
2 मई 2025: केदारनाथ धाम के कपाट
12 मई 2025: बदरीनाथ धाम के कपाट