उत्तर प्रदेश बीजेपी की महिला मोर्चा अध्यक्ष मधु मिश्रा को एक समारोह में जातिसूचक बयान दिए जाने के आरोप के बाद पार्टी से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इसकी पुष्टि की. एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी सामाजिक समरसता की पक्षधर है और मधु मिश्रा ने जो कहा पार्टी उससे संबंध नहीं रखती.
बीजेपी से 6 साल के लिए सस्पेंड हुईं मधु
वाजपेयी ने कहा कि उन्होंने फिलहाल मधु को छह साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. वाजपेयी ने इस मामले पर कहा कि उन्होंने मधु मिश्रा को पत्र लिखकर जवाब मांगा है. अगर मधु दोषी पाई गईं तो उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि मधु को पदमुक्त भी किया जा सकता है.
होली समारोह में दिया था विवादित बयान
एक कार्यक्रम में मधु मिश्रा ने कहा था कि जो लोग कभी जूते साफ किया करते थे आज संविधान के सहारे राज कर रहे हैं. रामलीला मैदान में आयोजित विप्र सम्मेलन और होली मिलन समारोह में उन्होंने कहा था कि साथियों आप सब यहां बैठे हैं. यहां कुछ विप्र बंधुओं के अलावा भी लोग बैठे हैं. मैं उनसे क्षमा चाहती हूं .
जूते साफ करने वाले राज करने लगे
उन्होंने कहा था कि आज तुम्हारे सिर पर बैठ कर संविधान के सहारे जो राज कर रहे हैं. याद करो, वो कभी तुम्हारे जूते साफ किया करते थे. आज तुम्हारे हुजूर हो गए हैं. क्यों? क्योंकि हम बंट गए. हम विभाजित हो गए. उन्होंने कहा था कि मेरे छोटे भाई सतीश गौतम को शायद आज से 40 साल बाद का भारत दिख रहा है कि तुम्हारे बच्चे फिर गुलाम न हो जाएं. कहीं फिर से हुजूर न कहने लगे उन्हें, जिन्हें तुम अपने बराबर में बैठाना पसंद नहीं करते. उठो-जागो और जब तक अपने अधिकार ले न लो तब तक सतीश गौतम की तर्ज पर युद्ध करते रहो.
बवाल बढ़ा तो मधु ने मांगी माफी
बवाल बढ़ता देख कर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वह माफी मांगती हैं. उन्होंने कहा था कि मैं अपने समाज के कार्यक्रम में बोल रही थी. समाज की बेटी और बहू हूं. मेरा आशय किसी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. किसी को दुख हुआ तो मैं उनसे क्षमा मांगती हूं. मेरे कहने का आशय ये था कि हमारे समाज के बच्चों को भी सरकारी नौकरी मिले. संविधान में आरक्षण का प्रावधान नहीं होता तो हमारे बच्चे भी अधिकारी बनते.