उत्तर प्रदेश के आगरा में वसीयत का एक अनोखा मामला सामने आया है. अपने बेटों से खफा एक बुजुर्ग ने अपनी करोड़ों की जायदाद जिलाधिकारी के नाम कर दी है. बुजुर्ग ने जनता दर्शन के दौरान इससे संबंधित कागजात सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दिए हैं. बुजुर्ग ने इसे लेकर कहा है कि बेटे उनका खयाल नहीं रखते इसीलिए अपनी जायदाद की वसीयत जिलाधिकारी के नाम कर दी.
जानकारी के मुताबिक, छत्ता थाना क्षेत्र के निरालाबाद पीपल मंडी निवासी गणेश शंकर पांडे ने अपने भाई नरेश शंकर पांडे, रघुनाथ और अजय शंकर के साथ मिलकर 1983 में 1 हजार गज जमीन खरीदी थी. एक हजार गज जमीन पर चारों भाइयों ने आलीशान मकान बनवाया था. वक्त के साथ चारों भाइयों ने जायदाद का बंटवारा कर लिया.
गणेश शंकर ढाई सौ गज जमीन के मालिक हैं. गणेश शंकर के हिस्से आई जमीन पर बने मकान की अनुमानित कीमत करीब तीन करोड़ बताई जा रही है. गणेश शंकर ने अपनी करोड़ों की इस जायदाद की रजिस्टर्ड वसीयत जिलाधिकारी के नाम कर दी है. उन्होंने इसे लेकर कहा कि बेटे उनका खयाल नहीं रखते. एक बेटा दिमाग से कमजोर है. वो कोई काम धंधा नहीं करता.
व्यथित गणेश शंकर ने बताया कि समझाने पर बेटों ने उनसे नाता तो रखा लेकिन उनका खयाल नहीं. बेटों का व्यवहार गणेश शंकर को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति जिलाधिकारी के नाम कर दी. बताया जाता है कि बुजुर्ग गणेश शंकर ने अगस्त 2018 में ही जिलाधिकारी आगरा के नाम मकान की रजिस्टर्ड वसीयत कर दी थी.
उन्होंने जनता दर्शन में कलेक्ट्रेट जाकर सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान को रजिस्टर्ड वसीयत सौंप दी है. सिटी मजिस्ट्रेट के अनुसार उन्हें वसीयत मिल गई है. गणेश शंकर ने जो जायदाद जिलाधिकारी आगरा के नाम की है, वो करोड़ों रुपये की है.