राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) को कथित तौर पर तेलंगाना में सरकारी विभागों के साथ काम करने की आधिकारिक अनुमति दी गई है. आरएसएस कार्यकर्ताओं के गार्ड की ड्यूटी करने की तस्वीरें सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा हो गया है. माजली बचाओ तहरीक के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने इस मुद्दे पर टीआरएस सरकार के कदम की कड़ी आलोचना की है.
खान ने कहा कि जब तेलंगाना के भुवनगिरि में पुलिसकर्मियों के साथ आरएसएस कार्यकर्ताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं तब सवाल उठा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस चेक पोस्ट पर आरएसएस के लोगों को कैसे अनुमति मिली. उन्होंने कहा, टि्वटर हैंडल @freindsofrss पर इसकी फोटो आई जिसमें कहा गया कि पुलिस चेक पोस्ट पर हर दिन 13 घंटे की ड्यूटी लगाई जा रही है. यह हैंडल ऐसा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के लगभग सभी आला नेता फॉलो करते हैं. केंद्रीय मंत्री से लेकर कई मुख्यमंत्री तक इसे फॉलो करते हैं.
फोटो-आशीष पांडेय
खान ने सवाल उठाया कि आरएसएस के वॉलंटियर्स को पुलिस चेक पोस्ट पर लगाने की इजाजत कैसे मिली जब रचकोंडा के पुलिस कमिश्नर ने कोई अनुमति नहीं दी है. किस पर भरोसा किया जाए आरएसएस पर या रचकोंडा पुलिस कमिश्नर पर. खान ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब तेलंगाना के सरकारी विभागों में आरएसएस कार्यकर्ताओं को आधिकारिक काम दिया गया है. एक अप्रैल को भी कमारेड्डी में तहसीलदार ने चावल वितरण के लिए पीडीएस दुकानों पर RSS कार्यकर्ताओं को काम की इजाजत दी थी.
फोटो-आशीष पांडेय
माजली बचाओ तहरीक के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से सफाई मांगी है. प्रवक्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रदेश में हिंदुत्व की नीति चला रही है. उधर रचकोंडा के पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि पुलिस चेक पोस्ट पर काम के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं को कोई अनुमति नहीं दी गई है.