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'UPA ने भारतीय रेल को पटरी से उतारा'

रेल बजट पर राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. विपक्षी सदस्‍यों ने आरोप लगाया कि यूपीए के 9 साल के शासन में भारतीय रेल पटरी से उतर गई है.

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रेल बजट पर राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. विपक्षी सदस्‍यों ने आरोप लगाया कि यूपीए के 9 साल के शासन में भारतीय रेल पटरी से उतर गई है.

विपक्षी सदस्यों ने कहा कि वर्ष 2013-14 के रेल बजट में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है तथा विभिन्न मदों में प्रभार बढ़ा कर यात्रियों से ज्यादा धन वसूलने का प्रयास किया गया है. हालांकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि रेलवे की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कुछ कड़े उपाय किए जाना जरूरी है.

चर्चा की शुरुआत करते हुए बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने कहा कि 17 साल बाद कांग्रेस के किसी मंत्री ने रेल बजट पेश किया तो यह माना जा रहा था कि वह अपने बजट भाषण में कुछ ऐसी घोषणाएं करेंगे जिससे भारतीय रेलें विकास की पटरी पर वापस लौटेंगी. लेकिन रेल मंत्री के भाषण को देख कर बेहद निराशा हुई क्योंकि इसमें कोई ठोस पहल नहीं की गई है.

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उन्होंने कहा कि पहली यूपीए सरकार में लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे को मुनाफे में लाने की पांच साल तक घोषणाएं कीं. रेलवे का कायाकल्प करने के लिए उन्हें ऑक्सफोर्ड, हॉर्वर्ड सहित विदेश में कई जगहों पर बुलाया गया. लेकिन जब तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं तो उन्होंने लालू द्वारा की गई घोषणाओं को पूरी तरह से गलत बताया.

पुंज ने कहा कि ममता ने अपने कार्यकाल में एक श्वेतपत्र पेश कर पूर्ववर्ती रेल मंत्री के शासनकाल में रेलवे की तमाम कमियों को उजागर किया. उन्होंने कहा कि अब रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि वह ममता के शासनकाल में रेल की स्थिति के बारे में श्वेतपत्र लाएंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार को इस घोषणा को फौरन पूरा करना चाहिए. बीजेपी नेता ने यूपीए अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की कि यूपीए प्रथम और द्वितीय के शासनकाल के दौरान रेलवे को लेकर सरकार की ओर से जो विरोधाभासी दावे किए गए हैं उनके बारे में वह देश को सारा सच बताएं.

उन्होंने रेल बजट में अभिनव प्रयासों एवं उपायों का नितांत अभाव होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में रायबरेली सहित कुछ खास क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा गया है जिसके कारण इसे ‘रायबरेली बजट’ कहा जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि संप्रग के शासनकाल में अभी तक जितनी नयी स्कीमों और परियोजनाओं की घोषणा की गई है उनमें से कितनों को अमली जामा पहनाया जा सका है. पुंज ने कहा कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों में रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग की बात कर रही है.

उन्होंने कहा कि यह एक अव्यावहारिक कदम है. सरकार को मुख्य मांगों’ पर निजी क्षेत्र का सहयोग लेना चाहिए तथा दूरदराज एवं दुर्गम क्षेत्रों में उसे स्वयं प्रयास करने चाहिए. कांग्रेस के सैफुद्दीन सोज ने विपक्ष के तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि रेल मंत्री पवन कुमार द्वारा पेश किया गया रेल बजट उम्मीदों का बजट है. उन्होंने कहा कि इस रेल बजट के कारण रेलवे को विकास की पटरी पर लाने की उम्मीदें फिर से जाग गई हैं.

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