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अमेरिकी छात्रा मिशेल क्रॉस का भयावह भारतीय अनुभव: लोग मुझे घूरते थे और आहें भर रहे थे

एक अमेरिकी छात्रा की भारत में स्‍टडी ट्रिप के दौरान यौन शोषण की भयावह कहानी इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. अपनी आपबीती में उन्‍होंने बताया है कि किस तरह भारत यात्रा के दौरान लोग उन्‍हें घूरते थे, उनका पीछा करते थे और यहां तक कि उनका रेप करने की भी कोशिश की गई.

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मिशेला क्रॉस
मिशेला क्रॉस

एक अमेरिकी छात्रा की भारत में स्‍टडी ट्रिप के दौरान यौन शोषण की भयावह कहानी इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. अपनी आपबीती में उन्‍होंने बताया है कि किस तरह भारत यात्रा के दौरान लोग उन्‍हें घूरते थे, उनका पीछा करते थे और यहां तक कि उनका रेप करने की भी कोशिश की गई.

शिकागो यूनिवर्सिटी की छात्रा मिशेल क्रॉस साल 2012 में एक स्‍टडी ट्रिप के लिए भारत आईं थीं. इस दौरान वह भारत की कई बातों से प्रभावित हुईं, लेकिन उनका कहना है कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं है. उन्होंने भारत को मुसाफिरों के लिए स्वर्ग और महिलाओं के लिए नरक बताया.

अमेरिका लौटने के बाद उन्होंने इन सारी बातों को एक वेबसाइट पर लिखा, जिसे उन्‍हें शीर्षक दिया- 'इंडिया: द स्टोरी यू नेवर वॉन्टेड टु हियर'. उनके पोस्‍ट को इंटरनेट पर लाखों बार पढ़ा जा चुका है. यही नहीं यह पोस्‍ट फेसबुक और ट्विटर पर अब तक 85,000 से ज्‍यादा बार शेयर किया जा चुका है.

मिशेल की आपबीती
मिशेल लिखती हैं, 'जब लोग मुझसे भारत के मेरे अनुभव के बारे में पूछते हैं तो मैं असमंजस में पड़ जाती हूं. कोई कैसे वहां की उन परिस्थितियों के बारे में बता सकता है जिसने पिछले कुछ महीनों के दौरान मेरी जिंदगी को तबाह कर दिया है, और वह भी महज एक वाक्य में.'

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'क्या मुझे लोगों को यह बताना चाहिए कि किस तरह हमने पुणे में गणेश उत्सव में डांस किया. या यह भी कि जब अमेरिकी महिलाओं ने डांस करना शुरू किया तो कैसे गणेश उत्सव रुक गया और हमारे चारों तरफ लोगों का घेरा बन गया जो हमारे हर मूव की रिकॉर्डिंग कर रहे थे.'

'क्या मुझे यह भी बताना चाहिए कि जब हम एक बाजार में खूबसूरत साड़ियों को खरीदने के लिए मोलभाव कर रहे थे तो कैसे कुछ लोग हमारे ब्रेस्ट को घूर रहे थे और आहें भर रहे थे.'

'जब लोग मेरी भारतीय सैंडल्स की तारीफ करते हैं तो क्या मुझे यह बताना चाहिए कि किस तरह जिस शख्स से मैंने सैंडल्स खरीदी वह अगले 45 मिनट तक मेरा पीछा करता रहा.'

'क्या मैं गोवा के खूबसूरत होटल में स्टाफ मेंबर के मेरी दोस्त को रेप करने की कोशिश के बारे में बताऊं या मेरी नींद के दौरान मुझ पर झुके हुए होटल स्टाफ मेंबर के बारे में बताऊं. क्या मैं क्रिसमस के दिन भीड़ भरी बस में एक आदमी के मेरे हस्तमैथुन करने के अनुभव के बारे में बताऊं जो मेरे दोस्तों या परिवार वालों ने कभी महसूस नहीं किया.'

'जब मैं एक साल पहले भारत गई थी तो मुझे लगा था कि मैं तैयार हूं. मैं पहले भी भारत गई थी. मुझे थोड़ी बहुत हिंदी बोलनी आती है. मुझे पता था कि एक श्‍वेत महिला होने पर मुझे संभोग की चीज समझा जाएगा. मुझे शिकागो यूनिवर्सिटी की ओर से महिलाओं की दी जाने वाली सलाह के बारे में पता था. हमें बताया गया था कि हमें ठीक ढ़ग से कपड़े पहनने हैं और सड़कों पर हंसना नहीं है. और मैं उस कौतुहल के लिए तैयार थी जो मेरे लाल बाल, गोरी चमड़ी और नीली आंखों से हो सकता था.'

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'लेकिन मैं तैयार नहीं थी.'

'उन आंखों से निपटने का कोई तरीका नहीं हैं जो आपको हर रोज घूरती हैं. फल बेचने वाले दुकानदार या दर्जी के पास से गुजरते वक्‍त मुझे इस तरह घूरा जाता था जैसे लगता था कि वे अपनी निगाहों से मेरे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे. '

'मैंने खुद को ढका हुआ तो था लेकिन छिपा नहीं सकती थी. जहां से गुजरती थी लोग मेरे फोटो लेने लगते थे. ये कोई कह सकता कि भारत में मेरी कितनी फोटो होंगी. हो सकता है कि कई लोगों ने मेरी और मेरे दोस्तों की फोटो को इंटरनेट पर मोर्फ कर पोर्नोग्राफी वेबसाइट पर डाल दी हों.'

'तीन महीने तक मैं ऐसी ही परिस्थितियों में रही. एक वैसे देश में जो मुसाफिरों के लिए स्वर्ग और महिलाओं के लिए नरक है. जहां मेरा पीछा किया गया, मुझे घूरा गया, मुझे देखकर आहें भरी गईं. '

'स्‍टूडेंट के काउंसलर ने जांच में पाया कि मैं पर्सनैलिटी डिस्‍ऑर्डर का शिकार हो गई हूं और मुझे कुछ दवाएं दी गईं. मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे मनोवैज्ञानिक वॉर्ड में भर्ती कराया गया और मुझे इसी शर्त पर छोड़ा गया कि मैं अपने कॉलेज से 'मेंटल लीव' लूंगी और अपनी मां के साथ जाकर रहूंगी. भारत से वापस आ चुकी हूं लेकिन आज भी उसी टाइम-जोन में फंसी हुई हूं. एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकी हूं. मैं पूरी तरह टूट चुकी हूं.'

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'लेकिन मैं ट्रिप पर गई इकलौती ऐसी महिला नहीं हूं जो पर्सनैलिटी डिस्‍ऑर्डर का शिकार हुई हो. और मैं मेंटल ट्रॉमा में जाने वाली अकेली लड़की नहीं थीं. और सिर्फ मैंने ही मेंटल लीव नहीं ली है.'

'जब आप मुझसे भारत के बारे में पूछेंगे तो आप ये कहानी सुनना नहीं चाहेंगे. लेकिन आपको इसे सुनने की जरूरत है.'

गौरतलब है कि मिशेल 16 दिसंबर को राजधानी दिल्‍ली में 23 वर्षीय मेडिकल की छात्रा से चलती बस में हुए गैंगरेप से कुछ दिन पहले ही भारत छोड़कर अमेरिका चली गईं थीं. उन्‍होंने वेबसाइट पर अपने गुस्‍सा को इसलिए जाहिर किया ताकि लोगों को यह बता सकें कि उन्‍होंने और उनकी साथियों ने भारत में क्‍या कुछ सहा.

मिशेल का भारत का अनुभव इतना खराब था कि उन्‍हें स्‍ट्रेस डिस्‍ऑर्डर हो गया और फिलहाल वह छुट्टियों पर हैं और कॉलेज नहीं जा रही हैं.

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