जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ आज लद्दाख का भी इतिहास बदल रहा है. गुरुवार से लद्दाख अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, साथ ही राज्य को अपने नए उपराज्यपाल भी मिले हैं. रिटायर्ड IAS राधाकृष्ण माथुर (RK माथुर) ने गुरुवार को लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली. इसी के साथ ही अब लद्दाख जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग हो गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से IAS अफसर उमंग नरूला को लद्दाख के उपराज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है. इसके अलावा IPS अफसर एस.एस. खंडारे को लद्दाख पुलिस का प्रमुख बनाया गया है. लद्दाख के अलावा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी गुरुवार को शपथ लेंगे.
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों ही अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बने हैं. बस अंतर इतना है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बना है और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश है. लद्दाख की ओर से पिछले कई वर्षों से इस मांग को रखा जा रहा था.
शुरुआत में दोनों राज्यों का एक ही हाईकोर्ट होगा लेकिन दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग होंगे. सरकारी कर्मचारियों के सामने दोनों केंद्र शासित राज्यों में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा.
कौन हैं लद्दाख के नए उपराज्यपाल?
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल राधाकृष्ण माथुर 1977 बैच के रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं.
- त्रिपुरा कैडर के राधाकृष्ण माथुर नवंबर 2018 तक देश के मुख्य सूचना आयुक्त रहे. इससे पूर्व 25 मई 2013 से दो साल तक वह रक्षा सचिव रहे. त्रिपुरा में तैनाती के दौरान वह राज्य के मुख्य सचिव भी रहे.
- वह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में सचिव भी रह चुके हैं.
- आईएएस बनने से पहले माथुर ने, आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में मास्टर्स की पढ़ाई की है. उनके पास एमबीए की भी डिग्री है.