कंप्यूटर ग्राफिक्स शिक्षक रिजवानुर रहमान के यहां स्थित रेलवे पटरियों पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए जाने के करीब दो साल बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज सीबीआई को हत्या का मामला दर्ज करने और नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए.
न्यायमूर्ति भास्कर भट्टाचार्य और पी मोंदाल की एक खंडपीठ ने जांच एजेंसी को चार माह में जांच पूरी करने का आदेश दिया है.
रिजवानुर ने जानेमाने उद्योगपति अशोक तोदी की बेटी प्रियंका तोदी से विवाह किया था. विवाह के एक माह बाद 21 सितंबर 2007 को रिजवानुर को दमदम इलाके में रेलवे पटरियों के समीप मृत पाया गया.
अशोक तोदी 200 करोड़ रूपये के लक्स कोज़ी होजियरी ब्रांड का मालिक है.
इस मामले में तोदी, उसका भाई प्रदीप, साला अनिल सरावगी तथा उस दौरान कोलकाता पुलिस में काम कर रहे कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरोपी हैं.
अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह 21 सितंबर 2007 को रिजवानुर के बड़े भाई रूकबानुर रहमान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को प्राथमिकी माने.
आरोप है तोदी के कहने पर कोलकाता पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी, रिजवानुर को इसलिए डरा, धमका रहे थे कि वह प्रियंका को साल्टलेक इलाके में स्थित तोदी के घर वापस भेज दे.
बहरहाल, रिजवानुर ने प्रियंका को यह आश्वासन मिलने के बाद तोदी के घर भेजा कि एक सप्ताह में उसे दक्षिण कोलकाता के पार्क सर्कस स्थित रिजवानुर के घर भेज दिया जाएगा. लेकिन प्रियंका नहीं लौटी.
प्रियंका के न लौटने से निराश रिजवानुर को कुछ ही दिन बाद दमदम में पाटिकुपुर में रहस्यमय परिस्थितियों में रेलवे पटरियों के समीप मृत पाया गया. यह स्थान तोदी के आवास से कुछ ही किमी दूर है.
रूकबानुर ने बताया ‘‘उच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष पर गौर किया और सीबीआई को मामले की पुन: जांच करने के आदेश दिए.. हम इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि रिजवानुर की मौत को हत्या का मामला समझने की हमारी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई.’’
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 16 अक्तूबर 2007 को सीबीआई को रिजवानुर की मौत के कारणों की जांच करने का आदेश दिया. रिजवानुर की मां किश्वर जहां की याचिका पर यह आदेश देते हुए पीठ ने दो माह में सीबीआई से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.
किश्वर जहां ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन पुलिस आयुक्त प्रसून मुखर्जी, डीसीपी (मुख्यालय) जयवंत सिंह और उपायुक्त :खुफिया विभाग: अजय कुमार ने उनके बेटे को प्रताड़ित किया था. उनका यह भी कहना था कि राज्य सीआईडी की जांच निष्पक्ष नहीं होगी.
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आज उस सीबीआई जांच को खारिज कर दिया जिसका आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र पॉल ने दिया था. खंडपीठ ने नए सिरे से जांच के आदेश देते हुए कहा कि पूर्व के आदेश में सीबीआई से कोई आरोपपत्र दाखिल करने या किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए नहीं कहा गया था जबकि उसने ऐसा किया .
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी जिसके बाद उनका कोलकाता पुलिस से तबादला कर दिया गया था.