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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गिलानी से मुलाकात आज

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया मुंबई हमले के बाद से रुकी पड़ी है.

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मिस्र में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी के बीच मुलाकात की जमीन तैयार करते हुए पाकिस्तान ने मुंबई बम धमाकों की अपनी जांच पर ताजा दस्तावेज भारत को सौंपा है.

मनमोहन सिंह के इस खुलासे के बाद कि आईएसआई के कुछ अधिकारियों ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कुछ अधिकारियों से मुलाकात की है इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शक्तिशाली गुप्तचर एजेंसी का बातचीत की प्रक्रिया में प्रभाव है. भारतीय पक्ष इस पर अटकल लगाने को अनिच्छुक है कि क्या आईएसआई बातचीत का हिस्सा होगी.

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को इस्लामाबाद में शनिवार रात सौंपे गए दस्तावेज में 12 नए संदिग्धों की पहचान की गई है. इसमें 26 नवंबर की घटना की जांच के बारे में अग्रिम जानकारी सौंपी गई है.

आंतकवाद पर लगाए लगाम पाक
मनमोहन सिंह मंगलवार को मिस्र के समयानुसार सुबह साढे दस बजे गिलानी से शर्म अल शेख के होटल मेरीटिम जोली विल्ले गोल्फ रिसार्ट में मुलाकात करेंगे. इसमें भारत स्पष्ट वादा चाहेगा कि मुंबई बम हमले के आरोपी को जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाए और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि में पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गिलानी के बीच बातचीत से पहले दोनों देशों के विदेश सचिवों शिवशंकर मेनन और उनके समकक्ष के बीच बातचीत होगी. इसके बाद वे अपने-अपने नेताओं को जानकारी देंगे. हालांकि भारतीय पक्ष सावधानी से बातचीत में शामिल हो रहा है लेकिन वह पाकिस्तान की मंशा को पहले से नहीं तय कर रहा है. उसने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की उस इच्छा का संज्ञान लिया है जिसमें उन्होंने सिंह से पिछले महीने रूस में मुलाकात के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की इच्छा जताई थी.

नई दिल्ली ने यह भी माना है कि पाकिस्तान ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं. लेकिन किस हद तक उठाए हैं यह हमें देखना होगा. भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने और उसके खिलाफ आतंकी कृत्यों पर रोक लगाने के लिए और कदम उठाने होंगे.

26/11 के बाद से नहीं हुई है बातचीत

भारतीय पक्ष का मानना है कि शांति प्रक्रिया की बहाली के बारे में इस समय अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया मुंबई हमले के बाद से रुकी पड़ी है. भारतीय पक्ष का यह भी मानना है कि इस क्षण वह पाकिस्तान के साथ समग्र बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के बारे में न तो हां कह सकता है और न ही ना.

भारत इस बात से नाखुश है कि मुंबई हमलों को आठ महीने बीत गए हैं लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभियुक्तों के खिलाफ अभियोग चलाने की प्रक्रिया धीमी और हताशाजनक है.लश्कर के आपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मामले की सुनवाई तीसरी बार 18 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है क्योंकि न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं हुई है. भारत मुंबई हमले के मुख्य सरगना एवं लश्कर संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद की रिहाई से भी नाखुश है.

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