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Chandrayaan-2: ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने बेंगलुरु पहुंचे पीएम मोदी

चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात करीब 1 बजे बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय पहुंचेंगे. इस दौरान उनके साथ 70 छात्र भी मौजूद रहेंगे.

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बेंगलुरु पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
बेंगलुरु पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

  • प्रधानमंत्री मोदी रात 1 बजे बेंगलुरू स्थित इसरो के केंद्र पहुंचेंगे
  • मोदी के साथ 70 बच्चे भी चांद पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखेंगे

चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात करीब 1 बजे बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय पहुंचेंगे. इस दौरान उनके साथ 70 छात्र भी मौजूद रहेंगे. PM मोदी रात सवा नौ बजे के करीब बेंगलुरु पहुंच गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोगों से आग्रह किया कि लोग चंद्रयान-2 को चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया देखें और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें. उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरा आप सभी से आग्रह है कि चंद्रयान-2 के विशेष क्षण को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरते हुए देखें. अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें. मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट भी करूंगा.'

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भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. आज रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 उतरेगा. हर किसी को इस 'सॉफ्ट लैंडिंग' का इंतजार है. विक्रम लैंडर की ऐतिहासिक लैंडिंग का गवाह बनने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी इसरो के केंद्र में मौजूद होंगे. प्रधानमंत्री देर रात 1 बजे के करीब इसरो पहुंचेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी के साथ 60 से 70 स्कूली बच्चे भी होंगे जिन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया है.

'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ के सिवन ने कहा कि हम एक ऐसी जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां इससे पहले कोई नहीं गया था. हम सॉफ्ट लैंडिंग के बारे में आश्वस्त हैं. हमें रात का इंतजार है.

चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर अगर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब रहता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसके अलावा भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश भी बन जाएगा.

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