सुप्रीम कोर्ट ने देशभर मे देशद्रोह के दर्ज मामलों की संख्या को देखते हुए गलत धारा के इस्तेमाल को रोकने की मांग वाली याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर कोई राहत न देते हुए कहा कि अगर किसी के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होता है तो वो खुद अदालत आ सकता है लेकिन इस पर जनहित याचिका के माध्यम से सुनवाई नहीं की जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार के मामले में संविधान पीठ ने गाइडलाइन तय किए हैं और उसी का पालन किया जाना चाहिए.
कॉमन कॉज नामक संस्था की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि सैंकड़ों ऐसे मामले हैं जहां शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने धरना और प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर दिया. भूषण ने कहा कि अगर देशद्रोह का मामला दर्ज करना है हो तो डीजीपी या कमिश्नर से मंजूरी ली जानी चाहिए.