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बादलपुर में मायावती के पास एक इंच जमीन नहीं: शशांक

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री मायावती का गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादलपुर में एक इंच जमीन नहीं है.

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उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री मायावती का गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादलपुर में एक इंच जमीन नहीं है.

शशांक शेखर सिंह ने यह बयान मीडिया के एक तबके में उठाये गये इस विवाद के संदर्भ में दिया है कि बादलपुर गांव में मायावती के बंगले के सामने की सड़क को चौड़ी करने के लिए वहां विजेन्द्र नागर नाम के एक सैनिक की जमीन पर ग्रेटर नोएडा एथारिटी द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है.

सिंह ने जल्दी में बुलाए गये एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘बादलपुर में मुख्यमंत्री मायावती का न तो कोई बंगला है और न ही कोई संपत्ति ---वहां उनके नाम एक इंच जमीन नहीं है.’’ सिंह ने यह भी कहा कि ‘‘1995 में पहली बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने के बाद से मायावती आज तक न तो कभी बादलपुर गयी हैं और न ही वहां कभी ठहरीं हैं , इसलिए उनकी सुरक्षा के कारणों से वहां कोई जबरन अधिग्रहण का सवाल ही नहीं उठता है.’’ सिंह बहरहाल इस सवाल को टाल गए कि जिस बंगले के सामने सड़क चौड़ी करने के लिये जबरन जमीन अधिग्रहण की बात सामने आयी है, वह बंगला किसका है. इस सवाल पर उन्होंने सिर्फ यह कहा कि बादलपुर में कई बंगले हैं.{mospagebreak}

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सिंह ने बताया कि बादलपुर एवं आसपास के गांवों के विकास के लिए करोड़ों रपए खर्च किये गये हैं और जिस सड़क को चौड़ी किए जाने का उल्लेख किया गया है, वह इसलिए चौड़ी की जा रही है कि, राष्ट्रीय राजमार्ग को उस इलाके के पास ही स्थित माफीपुर रेलवे हाल्ट से जोड़ा जा सके और इसके लिए 15खसरा नम्बर ऐसे हैं, जिनका अधिग्रहण किया गया है. उन्होंने बताया कि उस इलाके के विकास के लिए तैयार मास्टर प्लान में 30 मीटर चौड़ी सड़क का प्रावधान किया गया है, जबकि मौजूदा सड़क केवल नौ मीटर चौड़ी है और इसके लिए केवल बादलपुर ही नहीं कई गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया गया है.

सिंह ने बताया कि जिस विजेन्द्र नागर नाम के व्यक्ति के मकान के 200 मीटर जमीन के जबरन अधिग्रहण की बात को लेकर विवाद हो रहा है, वे इससे पहले ही 4000 वर्गमीटर जमीन इस परियोजना के लिये दे चुके हैं और उसका मुआवजा भी प्राप्त कर चुके हैं.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी की जमीन न तो जबरन ली गयी है और न ली जायेगी, जिसकी भी जमीन ली गयी है उसे बाकायदा मुआवजा और बदले में जमीन दी गयी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुकुल सिंघल का तबादला कर दिया गया है, सिंह ने बताया कि उनके तबादले का निर्णय कल ही हो चुका था और उसका इस मामले से कोई संबंध नहीं है.

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