मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सरकार खतरे में आई गई है. बीजेपी के तीन विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इसके अलावा सत्तारूढ़ दल नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के चार विधायकों ने मंत्रीपद छोड़ दिया है. साथ ही एक टीएमसी विधायक और एक निर्दलीय विधायक ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
बताया जा रहा है कि इंफाल में बुधवार को बीजेपी छोड़कर एस. सुभाषचंद्र सिंह, टी.टी. हाओकिप और सैमुअल जेंदाई कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, NPP की ओर से डिप्टी सीएम वाई जयकुमार सिंह, मंत्री एन कायिसी, मंत्री एल जयंत कुमार सिंह और लेतपाओ हाओकिप ने पद से इस्तीफा दिया है. तृणमूल कांग्रेस के टी रोबिंद्रो सिंह और स्वतंत्र विधायक शाहबुद्दीन ने भी बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया है.
मुख्यमंत्रियों संग बैठक में PM मोदी बोले- इकोनॉमी के पटरी पर लौटने के संकेत दिखने लगे हैं
इस सियासी संकट के बीच सीएम बिरेन सिंह की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का फैसला भी हो सकता है. वहीं, कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर सकती है.
मणिपुर विधानसभा चुनाव 2017
कांग्रेस–28
बीजेपी–21
NPF– 4
NPP– 4
TMC– 1
LJP– 1
IND– 1
कुल 60
BJP को NPF, NPP, IND, LJP और TMC का समर्थन था.
अब क्या है सियासी समीकरण
बीजेपी की गठबंधन सरकार से अब NPP (4) TMC (1) और IND (1) ने समर्थन वापस ले लिया है. बीजेपी के 3 विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी के अपने 18 विधायक रह गए हैं. ऐसे में अब एनपीएफ (4) और एलजेपी (1) को मिलकर बीजेपी 23 विधायकों के समर्थन का दावा कर सकती है. वहीं, कांग्रेस 33 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.