कोरोनो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर जहां देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है. वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए कुछ आर्थिक गतिविधियां भी शुरू की गईं, जिनमें शराब की बिक्री भी शामिल है. लेकिन, शराब खरीदने के लिए लोग ऐसे उतावले हुए कि सोशल डिस्टेंसिंग की मर्यादा और सारे नियम-कायदे तोड़ डाले. यही वजह है कि कई राज्यों में शराब के दाम बढ़ा दिए गए तो तमाम जगह नए नियम बनाए गए. लेकिन इस बीच तमिलनाडु में दुकानों से शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.
जानकारी के मुताबिक मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जारी अपने आदेश में राज्य में चल रहीं सभी शराब की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य में शराब के लिए सिर्फ ऑनलाइन बिक्री की अनुमित दी है. दरअसल हाईकोर्ट ने यह आदेश इसलिए जारी किया है क्योंकि राज्य के कई हिस्सों से इस बात की शिकायतें आ रही थीं कि शराब खरीदने के लिए लोग शराब दुकानों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर रहे.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बता दें कि इस बारे तमिलनाडु लगभग सभी हिस्सों से खबरें आईं कि लोग शराब खरीदने के लिए लोगों में ऐसी मारामारी थी कि किसी ने भी हाईकोर्ट द्वार जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया. इसी वजह से अब हाईकोर्ट ने शराब की सिर्फ ऑनलाइन बिक्री की इजाजत दी है. यही नहीं शराब की इस ऑनलाइन बिक्री की मियाद भी कोर्ट ने सेट की है. बता दें कि तमिलनाडु में शराब की ऑनलाइन बिक्री की परमिशन सिर्फ 17 मई तक के लिए ही दी गई है.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
गौरतलब है कि शराब की दुकानों को खोलने के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु में कई जगह प्रदर्शन भी हुए थे. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए थे. कमल हसन की पार्टी मक्कल निधि मयम (एमएनएम) ने भी हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें अदालत से शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देने की गुजारिश की गई थी. यहां आपको यह भी बता दें कि एक ही दिन में तमिलनाडु ने 172.59 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री देखी थी.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...