scorecardresearch
 

मछली पालन पर मंथनः नीली क्रांति के लिए करने होंगे बड़े इंतजाम

अगर कोई यह सोचता है कि बड़े तालाब में ही मछली पालन किया जा सकता है तो ऐसा नहीं है. आप अपने किचन के बगल में फैब्रिकेशन करके भी मछली पालन कर सकते हैं.

Advertisement
X
कृषि इनोवेशन समिट फोटो [आज तक]
कृषि इनोवेशन समिट फोटो [आज तक]

नीली क्रांति को सफल बनाना है तो इस क्षेत्र से बिचौलियों को दूर हटाना होगा, मोबाइल प्रयोगशालाओं के साथ ही कॉल सेंटर का इंतजाम करना होगा. प्रशिक्षण की ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे इस क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहे अप्रशिक्षित लोगों से छुटकारा मिल सके. ये बातें देश के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क और सर्वाधिक देखे जाने वाले हिंदी न्यूज चैनल आजतक के कृषि इनोवेशन समिट में निकलकर आईं.

तालाब ही नहीं घर पर भी साकार कर सकते हैं नीली क्रांति का सपना

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रानी कुमुदिनी ने बताया कि जरूरी नहीं कि बड़े तालाब में ही मछली पालन की शुरुआत की जाए. घर के पीछे की छोटी सी जमीन में भी मछली पालन किया जा सकता है. सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है. महाराष्ट्र में कई ऐसी महिलाएं हैं जो किचन के साथ ही फैब्रिकेशन करके मछली पालन कर रही हैं. यह बहुत कम लागत में तैयार हो जाता है. छत्तीसगढ़ में आरएस टेक्नॉलजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे कम जगह में ज्यादा उत्पादन हो सकेगा.  

Advertisement

किस पानी में कौन-सी मछली जिंदा रहेगी? 

मछली पालन के लिए ऐसी जमीन नहीं चाहिए जो ऊपजाऊ हो, ऐसी जमीन चाहिए जहां कुछ न होता हो और बेकार पड़ी हो. पहले बहुत छोटे एरिया में इसका उत्पादन शुरू करना चाहिए इसके बाद जब फायदा दिखने लगे तो आगे बढ़ना चाहिए.  यह बातें कहीं मत्स्य विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डिप्टी डायरेक्टर जनरल जॉयकृष्ण जेना ने.  उन्होंने कहा कि यह जानना जरूरी है कि किस तरह के पानी में कौन सी मछली का उत्पादन बढ़िया रहेगा. यह वैज्ञानिक ही बता सकते हैं. इसके बाद मछलियों में होने वाली बीमारियों से निपटना अगली चुनौती होती है. अब तालाबों का भी हेल्थ कार्ड बनना शुरू होगा.

     

एक्वेरियम के लिए मछलियों का कारोबार बड़ा है

कृषि विज्ञान केंद्र, कालीकट केरल से आए डॉक्टर बी. प्रदीप ने बताया कि यह मिथक टूट रहा है कि केवल खाने के लिए ही मछलियों का उत्पादन किया जाता है. अब सजावट के लिए भी मछलियां पाली जाती है और उसमें ज्यादा फायदा भी है. इसका कारोबार आप अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं.  2 लीटर पानी में भी ऐसी मछलियों को रखा जा सकता है. एक मछली 200 रुपये से लेकर 500 रुपये आसानी से दे सकती है.

Advertisement

कैसे शुरू करें मछली पालन?

बिहार से आए किसान यतींद्र कश्यप ने कि आपके पास जमीन होनी चाहिए, इसे लीज पर भी लिया जा सकता है, इसके बाद आपको जिला मत्स्य विभाग में आवेदन करना होगा, वहां से लेटर जारी होने के बाद आप तालाब की खुदाई करा सकते हैं. तालाब के फोटो डिपार्टमेंट में जमा करने पर आपको तय सब्सिडी मिल जाएगी. इसके बाद आपको सीड उपलब्ध कराया जाएगा और फिर आपकी गाड़ी चल पड़ेगी.

हर किसान से जुड़ गया है मछली पालन

बिहार के किसान ने बताया कि इस क्षेत्र में जो अनस्किल्ड लोग आ गए हैं उनसे सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि प्रशिक्षित लोग ही इस क्षेत्र में आएं. सरकार को मोबाइल प्रयोगशालाओं का भी इंतजाम करना चाहिए, इसके साथ ही एक कॉलसेंटर होना चाहिए जो केवल मछली पालन के बारे में जानकारी दे. क्योंकि यह पेशा किसी जाति विरादरी से नहीं बल्कि हर किसान से  जुड़ गया है.

Advertisement
Advertisement