केरल में जिला सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को एक मुसलमान युवक की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जो राष्ट्रगान के दौरान सिनेमा हॉल में खड़ा नहीं हुआ था.
25 साल के एम सलमान पर आईपीसी की धारा 124 ए के तहत राष्ट्रगान के दौरान बैठे रहने और हूटिंग करने का मामला दर्ज हुआ है. राष्ट्रध्वज के लिए फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उस पर आईटी एक्ट के तहत धारा 66 ए भी लगाई गई है. सलमान दो हफ्तों से जेल में बंद है.
सलमान की जमानत की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि सलमान का व्यवहार राष्ट्र विरोधी है और उसका अपराध हत्या से भी ज्यादा गंभीर है. सलमान के अलावा पांच अन्य लोगों पर भी राजद्रोह का केस दर्ज है, जिनमें दो महिलाएं भी हैं. इनमें से एक को अग्रिम जमानत भी मिल गई है.
आपको बता दें कि केरल में राज्य के स्वामित्व वाले थिएटर में हर फिल्म से पहले राष्ट्रगान चलाया जाता है और दर्शकों को खड़े होने के लिए बोला जाता है. सलमान और उसके दोस्त ऐसे ही किसी थिएटर में फिल्म देखने गए थे और राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए. वहां बैठे दर्शकों के एक समूह को यह बिल्कुल ठीक नहीं लगा और उसने इस बात का विरोध किया.
अग्रिम जमानत मिले शख्स हरिहर शर्मा ने बताया, 'थिएटर में राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने की हमारी अनिच्छा पर कुछ लोगों ने सवाल उठाया और हमें पाकिस्तान जाने को कहा. वो हमसे उलझे और बहस की. यही नहीं, कुछ गलत टिप्पणी करके उन लोगों ने हमें उकसाया भी.' शर्मा ने बताया कि इन लोगों ने फिर पुलिस को जाकर शिकायत की, इसी में सलमान भी राष्ट्रध्वज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए पकड़ा गया.
हरिहर ने बताया, '20 अगस्त को पुलिस ने हम सब को गिरफ्तार किया. हम सब घर से दूर रहते हैं और हमें डर था कि पुलिस कहीं हमें राष्ट्र विरोधी संगठन से जुड़ा हुआ न समझे.
जस्टिस फॉर सलमान फोरम के चेयरमैन बीआरपी भास्कर ने बताया, 'सलमान के खिलाफ आरोप गढ़े गए हैं. केंद्र ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रगान चलाना जरूरी नहीं है और अगर चलता भी है तो खड़ा होना जरूरी नहीं है. इसके लिए आपराधिक धाराएं लगाना गलत है.'