जयपुर के पास इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का तेल डिपो धू-धूकर जल रहा है. आग पर न पानी का असर हो रहा है, न गैस का. केमिकल से भी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. 30 से ज्यादा दमकल गाड़ियां, 300 से ज्यादा फौज के जवान, सबकी कोशिशें बेकार जा रही हैं. हालात ये है कि अब सरकार भी हार मान चुकी है.
आसपास के इलाके भी हुए तबाह
इस बीच जयपुर के जिलाधिकारी ने सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है. आग जयपुर से कुछ दूर सीतापुरा औद्योगिक इलाके में लगी है, लेकिन इस आग ने आसपास के इलाकों को भी तबाह कर दिया है. आईओसी तेल डिपो से 3 किलोमीटर तक की कई औद्योगिक इकाइयों को आग से नुकसान पहुंचा है. आग की तबाही ऐसी है कि 10 गावों को खाली करा लिया गया है. हॉस्टल छोड़कर छात्र पलायन करने लगे हैं.
टैंकरों से हो रहे थे धमाके
दरअसल, तेल डिपो में आग भड़कने के बाद से ही रह-रह कर तेल के टैंकरों से धमाके हो रहे थे. धमाकों से उठने वाले आग के गोले पास के इलाकों पर शोलों की बारिश कर रहे थे. धमाकों का असर इतना तेज था कि डिपो से करीब एक-डेढ़ किलोमीटर दूर तक के इलाके में तबाही फैल रही थी.
10 गावों को खाली कराया गया
आग ने सिर्फ आईओसी के तेल डिपो को नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि 3 किलोमीटर इलाके में फैले कई औद्योगिक इकाइयों को अपनी चपेट में ले लिया है. यानी आग आसपास के इलाकों पर भी खतरा बन गई है. यही वजह है कि 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित 10 इंजीनियरिंग, तकनीकी और मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टलों को भी खाली करा लिया गया है, क्योंकि आग की गर्मी, रह-रहकर हो रहे धमाकों से कई हॉस्टलों की दीवारें और खिड़कियों के शीशे टूट गए. एहतियात के तौर पर आसपास के 10 गावों को खाली करा लिया गया है.{mospagebreak}जयपुर में लगी सबसे बडी आग में 5 लोगों की मौत हो चुकी है और घायलों की तादाद 200 के करीब पहुंच चुकी है. प्रशासन के मुताबिक करीब 150 से ज्यादा लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है. अन्य घायलों की तादाद 65 है. ऑयल डिपो में काम करने वाले कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके बारे में कोई खबर नहीं हैं. जयपुर में लगी इस सबसे भयानक आग से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और पीड़ित परिवारों में मातम छाया हुआ है. जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त डिपों में कितने कर्मचारी मौजूद थे, इसकी सही-सही जानकारी तो नहीं मिली है, लेकिन इस घटना में 10 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है.
पीडि़तों के लिए बनाए गए राहत कैंप
आग की वजह से आसपास और प्रताप नगर से लगे 6 किलोमीटर इलाके को खाली करा लिया गया है. जयपुर-सवाईमाधोपुर रेल ट्रैक को बंद कर दिया गया है. आसपास के इलाके की बिजली काट दी गई है और पीडितों के लिए कई राहत कैंप बनाए गए है जिनमें 400 से ज्यादा लोगों ने पनाह ली है. संकट की इस घडी में हांलाकि पूरा गुलाबी शहर एकजुट है. घायलों की मदद के लिए लोगों ने बढ-चढकर मदद की. आग लगने के बाद टोंक रोड पर कई लोग पैदल ही जान बचाने के लिए भागते दिखे, वहीं सडकों पर अधजले कपडे़ जगह-जगह बरादम हुए हैं.
केंद्र व राज्य सरकार देगी मुआवजा
राज्य और केंद्र सरकारों ने प्रभावित लोगों के लिए मुआवज़े का एलान किया है. पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के मुताबिक हादसे में मरने वाले लोगों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 5 लाख दिए जाएंगे. देवड़ा ने घायलों को 2 लाख रुपये, जबकि मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद देने का फैसला किया है, वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को 1-1 लाख और मामूली तौर पर घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे. राज्य सरकार ने घायलों के इलाज का पूरा ख़र्च उठाने का भी ज़िम्मा लिया है.