भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने बीते एक हफ्ते में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. उनकी अगुवाई में देश ने इतिहास रचा है. हाल ही में के. सिवन के नाम से सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर कई अकाउंट भी बनाए गए हैं, जिसमें वह लगातार ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन अब इसरो ने इस मसले पर आधिकारिक बयान दिया है. इसरो का कहना है कि के. सिवन ट्विटर पर नहीं हैं और उनके नाम से चल रहे अकाउंट फर्जी हैं.
It is noticed that accounts in the name of Kailasavadivoo Sivan is operational on many Social media. This is to clarify that Dr. K Sivan, Chairman, ISRO does not have any personal accounts.
For official accounts of ISRO, please see https://t.co/DKhLvUwK1P
— ISRO (@isro) September 9, 2019
इसरो ने सोमवार दोपहर एक प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देते हुए कहा कि ये नोट किया गया है कि सोशल मीडिया पर के. सिवन के नाम से कई अकाउंट बनाए गए हैं, जिन पर उनकी तस्वीर भी लगी हुई है. इसरो का कहना है कि के. सिवन का सोशल मीडिया पर कोई पर्सनल अकाउंट नहीं है. ऐसे में इन अकाउंट्स से जो भी बातें साझा की जा रही हैं, उनकी कोई पुष्टि नहीं है.
इसी के साथ ही इसरो ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने ऑफिशियल अकाउंट की जानकारी दी है.

लगातार इतिहास रच रहा इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार इतिहास रच रहा है. चंद्रयान-2 के साथ ही बीते कुछ दिनों से हर ओर सिर्फ इसरो की चर्चा है. चंद्रयान-2 भले ही अपने मिशन में 100 फीसदी सफल ना रहा हो, लेकिन दुनिया ने इसरो को सलाम किया है.
के. सिवन की अगुवाई में ही इसरो ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं और उन्हीं की अगुवाई में चंद्रयान-2 का मिशन आगे बढ़ा. 7 सितंबर की रात जब चंद्रयान-2 में कुछ गड़बड़ी आई तो के. सिवन का मनोबल टूटा हुआ था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हौसला बढ़ाया.
के. सिवन को हर कोई सलाम कर रहा है क्योंकि जिस संघर्ष के साथ वह इस पद तक पहुंचे और फिर अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद किया. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चांद से महज 2.1 किलोमीटर दूर था, जिस वक्त इसरो का कनेक्शन उससे कट गया. हालांकि अभी इसरो की ओर से संपर्क साधने की पूरी कोशिश की जा रही है.