भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 28 अगस्त को Chandrayaan-2 को चांद की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करा दिया है. चंद्रयान-2 को चांद की तीसरी कक्षा में सुबह 9.04 बजे डाला गया. अब चंद्रयान-2 चांद के चारों तरफ 179 किमी की एपोजी और 1412 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा. इसी ऑर्बिट में चंद्रयान-2 अगले 2 दिनों तक चांद का चक्कर लगाता रहेगा. इसके बाद 30 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की चौथी और 1 सितंबर को पांचवीं कक्षा में डाला जाएगा.
Third Lunar bound orbit maneuver for Chandrayaan-2 spacecraft was performed successfully today (August 28, 2019) at 0904 hrs IST.
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— ISRO (@isro) August 28, 2019
20 अगस्त को गति कम कर चांद की कक्षा में पहुंचाया था चंद्रयान-2 को
इसरो वैज्ञानिकों ने 20 अगस्त यानी मंगलवार को चंद्रयान-2 को चांद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाया था. इसरो वैज्ञानिकों ने मंगलवार को चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया था. चंद्रयान-2 की गति में 90 फीसदी की कमी इसलिए की गई थी ताकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से न टकरा जाए. 20 अगस्त यानी मंगलवार को चांद की कक्षा में चंद्रयान-2 का प्रवेश कराना इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था. लेकिन, हमारे वैज्ञानिकों ने इसे बेहद कुशलता और सटीकता के साथ पूरा किया.
1 सितंबर तक तीन बार चांद के चारों तरफ चंद्रयान-2 बदलेगा अपनी कक्षा
2 सितंबर को यान से अलग हो जाएगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर
चांद के चारों तरफ 4 बार कक्षाएं बदलने के बाद चंद्रयान-2 से विक्रम लैंडर बाहर निकल जाएगा. विक्रम लैंडर अपने अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की तरफ बढ़ना शुरू करेगा.
3 सितंबर को विक्रम लैंडर के सेहत की जांच की जाएगी
3 सितंबर को विक्रम लैंडर की सेहत जांचने के लिए इसरो वैज्ञानिक 3 सेकंड के लिए उसका इंजन ऑन करेंगे और उसकी कक्षा में मामूली बदलाव करेंगे.
4 सितंबर को चांद के सबसे नजदीक पहुंच जाएगा चंद्रयान-2
इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को 4 सितंबर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में पहुंचाएंगे. इस कक्षा की एपोजी 35 किमी और पेरीजी 97 किमी होगी. अगले तीन दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद का चक्कर लगाता रहेगा. इस दौरान इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के सेहत की जांच करते रहेंगे.
7 सितंबर होगा सबसे चुनौतीपूर्ण, चांद पर उतरेगा विक्रम लैंडर
7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रॉकेट बाहुबली के जरिए प्रक्षेपित किया गया था. इससे पहले 14 अगस्त को चंद्रयान-2 को ट्रांस लूनर ऑर्बिट में डाला गया था. उम्मीद जताई जा रही है कि 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को लाइव देखेंगे.