क्या बीजेपी ने जातिवाद के खिलाफ अपनी मुहिम से यू-टर्न ले लिया है? या फिर बीजेपी ने संघ से अलग अपने रास्ते पर चलने का फैसला किया है? कम से कम जातिवाद को लेकर संघ की नई अवधारणा को लेकर, संकेत तो यही मिल रहे हैं.
बीजेपी अपने नए सदस्यों से उनकी जाति खासतौर पर पूछ रही है. ये वही नए सदस्य हैं जिन्होंने मिस-कॉल देकर बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया है.
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