गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में अपने लिखित बयान में जानकारी देते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 के बाद आतंकवादी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है. राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि 5 अगस्त 2019 से 27 नवंबर 2019 तक 115 दिनों की अवधि के दौरान आतंकवादी हिंसा की 88 घटनाएं हुईं जबकि इसकी तुलना में 12 अप्रैल 2019 से 4 अगस्त 2019 तक 106 घटनाएं हुई थीं. राज्यसभा में जी. किशन रेड्डी ने जवाब देते हुए कहा कि 5 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2019 तक 88 दिनों की अवधि के दौरान घुसपैठ के 84 प्रयास हुए हैं, जबकि इसकी तुलना में 9 मई 2019 से 4 अगस्त 2019 तक 53 प्रयास हुए.
राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए जिनमें एक एसपीओ भी शामिल है. केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब तक घुसपैठ के 84 प्रयास हुए हैं, इस दौरान 59 आतंकियों के सीमा में घुसने की खबर है.
लोकसभा में मंगलवार को हुए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. दरअसल, आंध्र प्रदेश की इलुरु सीट से वाईएसआर कांग्रेस सांसद श्रीधर कोटागिरी ने पूछा था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद नियंत्रण रेखा पार कर भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की संख्या कितनी है. उन्होंने यह भी पूछा था कि भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से मारे गए और पकड़े गए आतंकवादियों की संख्या कितनी है?
दूसरी ओर, नागरिकता के सवाल पर गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि पिछले तीन साल में 2016 से 2018 तक 391 अफगानी और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता दी गई है. ये आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध हैं. इस साल 6 दिसंबर तक 40 अफगानी और 712 पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी गई है.
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले सिख, हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई आदि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रवासियों की नागरिकता के आंकड़े ऑनलाइन पाने की व्यवस्था साल 2018 में शुरू की गई थी. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, तब से लेकर अब तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए 927 सिखों और हिंदूओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है.