नींद और ख्वाब का पुराना रिश्ता है और इसमें एक नया पहलू जोड़ते हुए वैज्ञानिकों ने झपकी और सपने के बीच एक अनोखे सम्बन्ध का पता लगाया है.
हारवर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक झपकी से ऐन पहले देखे गए काम के बारे में ख्वाब देखने से जागने के बाद वह कार्य और बेहतर ढंग से होता है. वहीं, ऐसा नहीं करने वाले या झपकी के दौरान काम से जुड़ा सपना नहीं देखने वाले लोग अपेक्षाकृत कम अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं.
इस अध्ययन में शामिल किये गए लोगों को कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर थ्री-डी पहेली सुलझाने को कहा गया था. पहेली में उनसे एक पेड़ ढूंढने को कहा गया था. इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता रॉबर्ट स्टिकगोल्ड ने कहा कि उनमें से जिन लोगों को झपकी लेने की इजाजत दी गई और जिन्होंने पहेली से जुड़ा ख्वाब देखा, उन्होंने कम वक्त में ही पहेली सुलझा ली. उन्होंने कहा कि सपनों के अध्ययन से जाहिर होता है कि दिमाग एक ही समस्या के बारे में कई स्तरों पर सोचता है.