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वीके सिंह ने 2012 में तख्तापलट की कोशिशों के लिए PM से की जांच की मांग

विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि अब एक बार जब फिर यह बात साबित हो गई है कि उस वक्त के सरकार के दो मंत्री उनके खिलाफ साजिश रह रहे थे और उन्हें साजिश में फंसना चाहते थे. अब उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह का कहना है कि फिलहाल वह किसी का नाम नहीं लेना चाहते. वह अभी नहीं बताना चाहते कि सरकार में शामिल कौन-कौन मंत्री इस साजिश में शामिल थे.

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विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (फाइल-PTI)
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (फाइल-PTI)

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल के दौरान 2012 में भारतीय सेना की ओर से तख्तापलट की कोशिशों के पीछे सरकार में शामिल बड़े नेताओं के शामिल होने को लेकर मीडिया में आई खबरों के बाद केंद्रीय मंत्री और उस समय के सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि 2012 में उनके खिलाफ जो तख्तापलट की बातें कही गई वो पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी. जिस पर उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री से जांच की मांग की थी.

विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि अब एक बार जब फिर यह बात साबित हो गई है कि उस वक्त के सरकार के दो मंत्री उनके खिलाफ साजिश रह रहे थे और उन्हें साजिश में फंसना चाहते थे. अब उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह का कहना है कि फिलहाल वह किसी का नाम नहीं लेना चाहते. वह अभी नहीं बताना चाहते कि सरकार में शामिल कौन-कौन मंत्री इस साजिश में शामिल थे.

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उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और कौन बड़े लोग इस साजिश में शामिल थे, इसका खुलासा होना चाहिए. जनरल वीके सिंह ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण से सेना के मनोबल पर असर पड़ता है. इस देश की सेना देशप्रेम के सर्वोच्च मापदंड तय करती है. भारतीय सेना ऐसी किसी भी बात के बारे में सोच भी नहीं सकती.

जनरल वीके सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से इस मामले पर भारतीय सेना से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना को 6 साल हो गए हैं. इसकी विस्तृत जानकारी होनी चाहिए. देशहित में ऐसी फेक न्यूज देश के बड़ा खतरा बन सकती हैं.

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि यूपीए सरकार के 2 बड़े मंत्रियों ने भारतीय सेना के खिलाफ खबरें प्लांट करवाई और उनकी ओर से भारतीय सेना के खिलाफ गलत खबरें छपवाने की साजिश भी रची गई. हमने इसके लिए स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष से बैठक बुलाने की मांग भी की है, जिससे इस बात की जांच की जा सके कि इसके पीछे कौन था.

2012 में अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सनसनीखेज दावा किया था कि केंद्र सरकार की बिना अनुमति के फौज की दो टुकड़ियां दिल्ली की तरफ बढ़ीं थीं. हालांकि तब सरकार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि अगर ऐसा हुआ है तो यह गंभीर मसला है.

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