द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने गुरुवार कहा कि श्रीलंका के तमिलों के लिये यूपीए सरकार से हटने से ‘ईलम तमिलों’ के लिये कुछ भी नहीं बदला है. हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन से समर्थन वापस लेकर जरा भी परेशान नहीं है.
पार्टी के सदस्यों को लिखे पत्र में करुणानिधि ने कहा, ‘द्रमुक अब केंद्र सरकार से बाहर आ गई है जैसाकि (मुख्यमंत्री) जयललिता समेत कुछ लोगों की इच्छा थी. इससे क्या हुआ ? क्या इससे ईलम तमिलों की समस्याओं का अंत हो गया? क्या भारत ने (यूएनएचआरसी में) पेश किये गये अमेरिकी प्रस्ताव में संशोधन कराया? या उसने संशोधनों के साथ संसद में प्रस्ताव स्वीकार किया?’
उन्होंने कहा, ‘एकमात्र चीज जो हुई वह यह कि द्रमुक केंद्र सरकार से हट गई. लेकिन द्रमुक इससे जरा सा भी परेशान नहीं है.’ गौरतलब है कि द्रमुक की आलोचना हो रही है कि साल 2009 में जब युद्ध चरम पर था तभी उसे श्रीलंका के तमिलों की हत्या रोकने के लिये यूपीए सरकार से हट जाना चाहिये था.
इस आलोचना पर करुणानिधि ने कहा कि यह उनकी पार्टी पर आरोप लगाने का एक प्रयास है. जो लोग इतिहास जानते हैं, वे अटकलबाजी के आधार पर किसी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे.